झारखंड के दुमका में 17 वर्षीय नाबालिग हिन्दू लड़की को जिंदा जलाने वाले इस्लामिक कट्टरपंथी शाहरुख हुसैन और मोहम्मद नईम को POCSO कोर्ट ने दोषी करार दे दिया है। कोर्ट ने मामले में अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है। अब इनकी सजा पर 28 मार्च को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।
मामले की सुनवाई दुमका के प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश और पोक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश रमेश चंद्रा ने की। उनकी अदालत में मंगलवार को दोनों आरोपियों मो. शाहरुख हुसैन और मो. नईम अंसारी उर्फ छोटू की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई। इन्हें 17 वर्षीय नाबालिग किशोरी की पेट्रोल छिड़ककर जलाने और षड्यंत्र कर हत्या करने का दोषी करार दिया गया। साथ ही मुख्य आरोपी मो. शाहरुख को पोक्सो एक्ट की धारा 12 के साथ धमकी देने के आरोप में भी दोषी करार दिया है।
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51 गवाहों की पेशी
नाबालिग की हत्या के मामले में पोक्सो अदालत में इन दो सालों के दौरान अभियोजन और बचाव पक्ष की ओर से 51 गवाह पेश किए गए।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि ये घटना साल 2022 की है। दुमका के जरवाडीह मुहल्ले की पीड़िता और आरोपी दोनों ही रहने वाले थे। हत्या वाले दिन पीड़िता अपने घर में सो रही थी। सुबह करीब 5 बजे आरोपी अपने एक साथी के साथ उसके घर पहुंचा और खिड़की से ही पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। बाद में उसे इलाज के लिए रांची रिम्स में भर्ती किया गया, जहां उसने अंतिम सांस ली।
पीड़िता के परिजनों ने बताया था कि छात्रा 12वीं कक्षा में पढ़ती थी। पिछले कई दिनों से उनके ही मोहल्ले में रहने वाला आरोपी शाहरूख उनकी बेटी को परेशान कर रहा था। आरोपी शाहरूख उससे जबरन प्यार करने की बात कहकर उस पर निकाह का दबाव डाल रहा था। छात्रा ने मना कर दिया था और परेशान करने पर उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत करने की बात कही थी। इस पर आरोपी ने उसे जान से मार देने की धमकी दी थी। उन्हें नहीं पता था कि उनका डर सच साबित हो जाएगा.
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