बंदायू के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में मंगलवार देर शाम मुस्लिम युवकों द्वारा हिंदू बच्चों की गला काटकर नृशंस हत्या कर दी गई। इस वारदात ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। घटना की जानकारी मिलते ही पाञ्चजन्य तत्काल ग्राउंड पर पहुंचा। जिसके बाद इस घटना से सम्बंधित कई चौकाने वाले सच से सामना हुआ।
जिन बच्चों बड़ी ही बेरहमी से साजिद ने कत्ल किया उनका नाम आयंश प्रताप सिंह उम्र 6 वर्ष जो कि शिशु मंदिर विद्यालय में कक्षा UKG का छात्र था। दूसरे मासूम बच्चे का नाम आयुष प्रताप सिंह जिसकी उम्र 12 वर्ष थी वह कक्षा 6 का छात्र था। वहीं तीसरा बच्चा जो मृतक बच्चों का भाई है और घटना का चश्मदीद है वह 10 वर्ष है जो कि कक्षा 4 का छात्र हैं।
पीड़िता परिवार के घर पहुंचने पर हमारी मुलाकात बच्चों के अध्यापक दिनेश शर्मा जी से होती है। हमसे बात करने के दौरान उन्होंने बताया कि परिवार और बच्चे बहुत ही आध्यत्मिक और धार्मिक विचार वाले हैं। मृतक बच्चों की अपने धर्म सनातन में बहुत ही विशेष आस्था थी। स्कूल हो या मोहल्ला कहीं भी कोई धार्मिक आयोजन होता तो बच्चे उसमे बढ़ चदकर हिस्सा लेते थे।
अभी हाल ही में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का उदहारण देते हुए दिनेश शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम से पहले पूरे देश में घर-घर अक्षत वितरण का कार्यक्रम हुआ। इस कार्यक्रम में इन बच्चों ने काफी बढ़-चढ़ कर हिस्सा था। हर कोई इनके उत्साह को देख कर फुले नहीं समाताथा। जिसको भी ये बच्चे अक्षत और निमंत्रण पत्र देते उससे दर्शन करने जाने का वचन अवश्य लेते थे।
इसके अलावा ये बच्चे स्कूल में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में जरुर हिस्सा लेते थे। हाल ही में इनमे से एक बच्चे ने भगवान राम के पुत्र लवकुश का किरदार निभाया था।
बता दें कि जब हम मृतक बच्चों के घर पहुंचे तो हमने देखा कि घर के प्रवेश द्वार से ही दीवारों पर खून के निशान, ऊपर तीन मंजिल तक सीढ़ियों पर जगह-जगह बिखरा पड़ा खून और खून से लतपथ ग्रिल, इसके अलावा छत चीख-चीख कर बता रहीं थीं की कैसे बच्चों ने शैतान साजिद से अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष किया होगा।
पूरा परिवार ख़त्म करने के इरादे से आया था साजिद
इस घटना को लेकर आगे जानकारी देते हुए दिनेश शर्मा ने बताया कि साजिद पूरे परिवार को ही ख़त्म करने के इरादे से घर में आया था. उन्होंने बताया की घायल बच्चे के अनुसार उसके हाथ में छुरा था. आगे प्रशन दागते हुए दिनेश जी ने कहा बताएं कोई छुरा (बड़ा उस्तरा) लेकर क्यों आएगा…? साजिद की मंशा पूरे परिवार को ही खत्म करने की थी. वो तो ईश्वर की कृपा सही रही जो तीसरा बच्चा उसके चंगुल से बच कर वापस आ गया और परिवार खत्म होने से बच गया.
दरअसल साजिद की मंशा एक या दो हत्या की नही थी बल्कि वह कई हत्याओं के उद्देश्य से पूरी तैयारी के साथ आया था। उसने पहले दो मासूम बच्चों को अपना शिकार बनाया, छुरा (बड़ा उस्तरा) जिससे वह सैलून में सेविंग बनाने का काम करता था उससे उसने बच्चों का सर तन से जुदा किया। इसी बीच बचाने आए एक अन्य बच्चे को भी अपना शिकार बनाने का प्रयास किया। लेकिन तीसरा बच्चा हत्यारों को चकमा देकर भागने में सफल रहा।
घायल और चश्मदीद बच्चे ने बताया आंखो देखा हाल
दोनों मृत बच्चों के भाई और घटना के चश्मदीद का कहना है, “सैलून वाले अंकल यहां आए थे। वह मेरे भाइयों को ऊपर ले गए, इसके बाद मुझे नहीं पता उन्होंने मेरे भाइयों को क्यों मारा। उन्होंने मेरे भाइयों को काट डाला वो सब देख कर मैं बहुत डर गया था। मैंने जब अपने भाइयों को बचाने की कोशिश की तो उन्होंने मुझे भी मारने की कोशिश की, लेकिन मैं धक्का देकर वहां से नीचे भाग आया। उनके हमले से मेरे हाथ और सिर में चोटें आईं हैं।
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