छत्तीसगढ़ से घर वापसी की खबर प्रकाश में आई है। जहां प्रदेश के रायगढ़ में बरघाट गांव के 56 परिवारों के 200 लोगों ने सनातन धर्म अपना लिया। इस मौके पर भाजपा नेता प्रबल प्रताप जूदेव ने पांव पखार कर सभी की घर वापसी कराई।
रिपोर्ट के मुताबिक, सनातन धर्म अपनाने वाले सभी लोग ‘कोरबा जनजातीय समुदाय’ से आते हैं। इन्हें राष्ट्रपति की दत्तक संतान भी कहा जाता है। बावजूद इसके कांग्रेस शासनकाल के दौरान प्रदेश में रहने वाले इन समुदायों का ईसाई मिशनरियों ने जमकर कन्वर्जन कराया। लेकिन अब ये लोग वापस अपने धर्म को अपना रहे हैं। इसी क्रम में 17 मार्च को एक कार्यक्रम आय़ोजित किया गया, जिसमें वैदिक मंत्रोच्चार करके सभी लोगों ने सनातन धर्म में घर वापसी कर ली।
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कन्वर्जन देश के लिए बड़ा खतरा
इस मौके पर भाजपा नेता और प्रदेश में घर वापसी का नेतृत्व कर रहे प्रबल प्रताप जूदेव ने कन्वर्जन को देश के लिए बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि अगर इसे नहीं रोका गया तो देश की भावी पीढ़ियां हमें कभी भी माफ नहीं करेंगी। अब कन्वर्जन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस कृत्य में जो भी शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। ऐसे लोग सजा भुगतने के लिए तैयार रहें।
भाजपा नेता ने मांग की कि आजादी के बाद से जितने लोगों का कन्वर्जन हुआ है, उनकी जांच होनी चाहिए और सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। बता दें कि भाजपा नेता अब तक सैकड़ों लोगों की घर वापसी करा चुके हैं। सबसे बड़ी घर वापसी कुछ माह पहले छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुई थी। जब बाबा बागेश्वर धाम के कार्यक्रम में 1100 से अधिक ईसाइयों ने सनातन धर्म अपना लिया था।
उल्लेखनीय है कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से दूसरे पंथों में जाने वाले लोगों में सनातन धर्म के प्रति आस्था बढ़ी है और लोग तेजी से घर वापसी कर रहे हैं। अभी दो दिन पहले इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सीएमपी डिग्री कॉलेज के प्रोफेसर अहसान अहमद ने भी सनातन धर्म अपना लिया था।
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