CAA देश में लागू हो चुका है। लेकिन अक्सर एक सवाल किया जाता है कि क्या कृषि कानून की तरह भी दबावों के आगे झुकते हुए सरकार इस कानून को वापस लेगी? इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जबाव दिया है। उन्होंने दो टूक कहा है कि CAA कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा। हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना ये भारत का विषय है और भारत की संप्रभुता का निर्णय है, हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे।
#WATCH केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "CAA कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा। हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना ये भारत का विषय है और भारत की संप्रभुता का निर्णय है, हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे।" pic.twitter.com/B2DoxgpkGl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 14, 2024
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने ये बातें कही। उन्होंने विपक्ष द्वारा सीएए की टाइमिंग पर सवाल खड़े करने को लेकर आरोप लगाया कि विपक्ष इस वक्त झूठ की राजनीति कर रहा है। अमित शाह ने कहा, “सारे विपक्षी दल, चाहे असदुद्दीन ओवैसी हों, राहुल गांधी, ममता बनर्जी हों या केजरीवाल हों ये लोग झूठ की राजनीति कर रहे हैं इसलिए टाइमिंग का महत्व नहीं है।”
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#WATCH | विपक्षी पार्टियों द्वारा CAA की अधिसूचना की टाइमिंग पर विपक्ष द्वारा सवाल उठाए जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "सारे विपक्षी दल, चाहे असदुद्दीन ओवैसी हों, राहुल गांधी, ममता बनर्जी हों या केजरीवाल हों ये लोग झूठ की राजनीति कर रहे हैं इसलिए टाइमिंग का महत्व… pic.twitter.com/5kqykQ5yDM
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घोषणा पत्र में ही हमने कर दिया था ऐलान: अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे टाइमिंग वाले प्रपंच को ध्वस्त करते हुए स्पष्ट किया कि हमने वर्ष 2019 में ही अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि हम CAA लाएंगे और पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के जो शरणार्थी हैं, उनको नागरिकता देंगे। भाजपा का एजेंडा बहुत ही स्पष्ट है और उसी एजेंडे के आधार पर हमें बहुमत मिला है। 2019 में ही यह बिल संसद के दोनों सदनों ने पारित कर दिया था। उसके बाद कोविड के कारण थोड़ा सा लेट हुआ। अब टाइमिंग का क्या महत्व रह जाता है। सरकार ने अफनी इच्छा को चुने जाने से पहले ही अभिव्यक्त कर दी है।
उन्होंने आगे कहा, “इसके बाद जब 2019 के लोकसभा चुनाव में चुने जाने के बाद पहली प्राथमिकता के तहत दोनों सदनों से इस कानून को मान्यता मिल गई। रूल्स तो फॉर्मेलिटी है, अब टाइमिंग या पॉलिटिकल गेन या फिर लॉस का सवाल नहीं है। अब विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति कर वोट बैंक को मजबूत करना चाहता है। मैं उनको (विपक्ष) विनती करता हूं कि वे अब बेनकाब हो चुके हैं। ऐसा न करें। देश की जनता जानती है कि CAA इस देश का कानून है। मैं 4 साल में कम से कम मैं 41 बार बोल चुका हूं कि CAA लागू होगा और चुनाव से पहले होगा।”
अमित शाह ने ये स्पष्ट किया कि सीएए कानून भारतीय जनता पार्टी के लिए किसी पॉलिटिकल गेन का मुद्दा नहीं है, बल्कि ये पीएम नरेंद्र मोदी के लिए अफगानिस्ता, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हुए करोड़ों शरणार्थियों को उनका अधिकार देने का मुद्दा है। ये उन शरणार्थियों को पीड़ा से मुक्ति देने और उनकी पीढ़ियों को न्याय दिलाने का मुद्दा है, जो कांग्रेस पार्टी ने कभी नहीं किया।
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