कर्णावती । कांग्रेस ने आज गुजरात लोकसभा की सात बैठकों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए और अन्य बैठकों पर प्रत्याशियों के लिए दिल्ली में मंथन चल रहा है। वहीं दूसरी ओर लग रहा है कि गुजरात कांग्रेस के सीनियर नेता भाजपा के सामने लड़ने का जोश खो रहे है। सीनियर नेता जगदीश ठाकोर के बाद अब भरतसिंह सोलंकी ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार किया है।
गुजरात में जन समर्थन खो चुकी कांग्रेस अब अपने सीनियर नेताओं का समर्थन भी धीरे-धीरे खो रही है। लोकसभा चुनाव सिर पर है और भाजपा गुजरात की 26 में से 15 लोकसभा बैठकों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर चुका है। दूसरी और कांग्रेस अभी सिर्फ सात बैठकों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर सकी है और अन्य बैठकों पर प्रत्याशीयो के लिए दिल्ली में मंथन चल रहा है। इस बीच गुजरात कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने लोकसभा चुनाव से मुंह फेर लिया है।
सबसे पहले पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार किया। खराब तबीयत के चलते उन्होंने चुनाव के मैदान में उतरने से इनकार किया और अब कांग्रेस के अन्य सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री भरतसिंह सोलंकी ने भी चुनाव के मैदान में उतरने से इनकार कर दिया है।
भरतसिंह सोलंकी ने एक्स पर ट्वीट करके यह जानकारी साझा की है। ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि उनको और उनके परिवार को कांग्रेस की तरफ से बहुत कुछ प्राप्त हुआ है लेकिन अभी वह पार्टी में जम्मू और कश्मीर के प्रभारी के तौर पर कार्यरत है और इस जिम्मेदारी के चलते वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते। वह गुजरात में कांग्रेस के लिए प्रचार जरूर करेंगे। भरतसिंह ने अपने आप को कांग्रेस का वफादार सैनिक बताते हुए लिखा है कि वह लोकसभा चुनाव लड़ना नहीं चाहते लेकिन फिर भी केंद्रीय नेतागण की तरफ से जो भी निर्णय लिया जाएगा वह उसका पालन करेंगे।
आनंद लोक सभा बैठक के मजबूत दावेदार माने जाने वाले भरतसिंह सोलंकी पिछले चार टर्म से आनंद लोकसभा बैठक पर से कांग्रेस की तरफ से लड़ रहे थे। साल 2004 और 2009 में इस बैठक पर उनकी जीत हुई थी और वह यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री भी बने थे। जबकि साल 2014 में भरतसिंह भाजपा के दिलीप पटेल के सामने और 2019 में भाजपा के मितेश पटेल के सामने हार गए थे।
गुजरात प्रदेश कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी से अध्यक्ष पद तक पहुँचनेवाले भरतसिंह सोलंकी समेत कई सीनियर कांग्रेसी नेता भाजपा के सामने लड़ने का जोश खोते जा रहे है। शायद इसीलिए कई सीनियर कांग्रेसी नेता भाजपा का दामन थाम रहे है और भरतसिंह जैसे कांग्रेस के वफादार नेता चुनावी मैदान से अपने कदम पीछे हटा रहे है।
बता दें कि पिछले दो लोकसभा चुनाव में गुजरात कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा है, जिसका असर 2022 के विधानसभा चुनाव पर भी पड़ा था। तमाम 26 लोकसभा बैठक भाजपा के खाते में है तब लगता है कि कांग्रेस के लिए प्रत्याशी ढूढ़ना इसबार मुश्किल होगा।
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