हमेशा एक बात कही जाती है किस ‘वॉर इज अ ब्लडी बिजनेस’ ये एक ऐसा व्यापार जिसमें किसी की मदद के नाम पर भी पैसे कमाए जा सकते हैं। रूस यूक्रेन का युद्ध हो या फिर इजरायल हमास वॉर हो। अमेरिका ने एक तरफ यूक्रेन को और दूसरी तरफ इजरायल को मदद के नाम पर जमकर हथियार बेचे। इजरायल को लेकर एक रिपोर्ट के जरिए खुलासा हुआ है कि युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक अमेरिका ने इजरायल को 100 प्रकार से अधिक हथियारों को बेचा है। खास बात इसमें ये रही कि इसके लिए बाइडेन प्रशासन ने अपने ही सिस्टम की खामियों का फायदा उठाया।
दरअसल, अमेरिका में नियम है कि किसी भी तरह के हथियारों की डील से पहले यूएस कांग्रेस की इजाजत लेनी पड़ती है, लेकिन इस नियम को बाइपास करते हुए बाइडेन प्रशासन ने बड़ी ही चालाकी लेनदेन किया। क्योंकि प्रत्येक लेनदेन के लिए डॉलर की राशि के तहत मंजूरी की आवश्यकता थी। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने कांग्रेस को एक क्लासिफाइड ब्रीफिंग में 100 विदेशी सैन्य बिक्री के बारे में बताया। हालांकि, इसके बारे में अधिक जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया गया। ये जो बिक्री की गई है, उसमें बम, बंकर बस्टर, छोटे हथियार और अन्य घातक सहायता शामिल हैं।
इसको लेकर सेंटर फॉर इंटरनेशनल थिंकटैंक के डायरेक्टर अरी टोलनी कहते हैं कि सरकार की ये कोशिश न केवल अमेरिकी हथियार निर्यात तकनीक के अनुपालन से बचने का प्रयास है, बल्कि एक हाई प्रोफाइल मामले में पारदर्शिता और जबावदेही से बचने का तरीका प्रतीत होता है।
टोलनी के मुताबिक, जिस तरह से डोनाल्ड ट्रंप ने सिस्टम के लूप होल्स का फायदा उठाते हुए 2017 और 2019 में हथियार सउदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को बेचे थे, उसी तरह का कार्य बाइडेन प्रशासन भी कर रहा है।
कैसे हुआ खेला
रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन प्रशासन को 573 मिलियन डॉलर से अधिक पब्लिक शिपमेंट के अलावा इससे कम की बिक्री का खुलासा करने की जरूरत नहीं है। खास बात ये है कि इजरायल हमास युद्ध शुरू होने से लेकर अब तक अमेरिका ने इजरायल को नवंबर में $320 मिलियन की कीमत के बम बनाने के किट और 106 मिलियन डॉलर के 14000 टैंक के गोले दिए। इसके अलावा 147.5 मिलियन डॉलर के 155 मिमी तोप के गोले बनाने के लिए फ्यूज समेत अन्य सामान दिए। इन सभी की कुल कीमत करीब 733 मिलियन डॉलर बैठती है। ऐसे में जो बाइडेन सरकार कांग्रेस की मंजूरी लेने से बच गई।
अब तक 30000 लोगों की हो चुकी है मौत
गौरतलब है कि अमेरिका इजरायल का सहयोगी देश है। इजरायल हमास युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक लगातार अमेरिका इजरायल को खुले तौर पर सपोर्ट करता रहा है। अमेरिका का कहना है कि वो इजरायल का समर्थन इसलिए कर रहा है, ताकि 7 अक्टूबर जैसी घटना दोबारा न हो। हालांकि, इस युद्ध की विभाषिका में अब तक 30000 से अधिक लोग चढ़ चुके हैं।
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