पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के साथ हुई बर्बरता के मामले की जांच करने के लिए जा रही केंद्र सरकार की फैक्ट फाइडिंग टीम को बंगाल पुलिस ने संदेशखाली से पहले ही धमाखाली में रोक दिया। बाद में पुलिसवालों ने फैक्ट फाइंडिंग टीम के केवल 6 लोगों को ही आगे जाने की इजाजत दी।
एएनआई द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि एसपी रैंक का अधिकारी फैक्ट फाइंडिंग टीम के लोगों को रोके हुए है। जब पत्रकार उनसे पूछता है कि क्या आप उन्हें आगे जाने देंगे, तो पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमने उन्हें बता दिया है।’
कोलकाता हाईकोर्ट ने दी है इजाजत
गौरतलब है कि संदेशखाली के पीड़ितों से मिलने के लिए बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने पटना उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में केंद्र की छह सदस्यीय टीम को संदेशखाली जाने की अनुमति दी थी। उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नरसिम्हा रेड्डी के नेतृत्व में स्वतंत्र फैक्ट फाइंडिंग टीम आज शेख शाहजहां के जुल्म के सताए पीड़ितों से मिलेगी। फैक्ट फाइंडिंग टीम में न्यायमूर्ति एल नरसिम्हा रेड्डी (सेवानिवृत्त), हरियाणा कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी राज पाल सिंह, चारू वली खन्ना, ओ.पी. व्यास, संजीव नायक और भावना बजाज शामिल हैं।
शेख शाहजहां है मुख्य आरोपी
टीएमसी का कद्दावर नेता शेख शाहजहां संदेशखाली में महिलाओं के साथ 29 फरवरी को 55 दिनों की फरारी के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। उसे उत्तर 24 परगना के मिनाखान इलाके से गिरफ्तार किया गया है। शेख शाहजहां टीएमसी का जिला स्तर का नेता है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बहुत ही खास आदमी है। उस पर अपने साथियों के साथ मिलकर संदेशखाली में हिन्दू महिलाओं के साथ गैंगरेप करने और उनकी जमीनों पर अवैध तरीके से जमीनों पर कब्जा करने का आरोप है।
PDS घोटाले में भी आरोपी है शेख शाहजहां
शेख शाहजहां पश्चिम बंगाल में राशन घोटाले का आऱोपी है। हाल ही में जब प्रवर्तन निदेशालय की टीम उसके घर संदेशखाली में छापेमारी करने गई थी तो उसके करीब 200 से अधिक समर्थकों ने ईडी की टीम पर जानलेवा हमला कर दिया। इसके बाज जांच के लोगों को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा था। तभी से शेख शाहजहां फरार चल रहा था।
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