पाकिस्तान में कपड़ों पर अरबी अक्षरों को देखकर भड़के कट्टरपंथी, महिला को घेरकर लगाए “सर तन से जुदा” के नारे
July 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

पाकिस्तान में कपड़ों पर अरबी अक्षरों को देखकर भड़के कट्टरपंथी, महिला को घेरकर लगाए “सर तन से जुदा” के नारे

ड्रेस पर लिखे शब्दों को कुरान का अपमान बता कर महिला को मारने के लिए जुटे थे लोग। महिला के कपड़ों पर लिखे शब्दों का वास्तविक अर्थ जानकर पाकिस्तानी मुस्लिमों पर हसेंगे आप..?

by सोनाली मिश्रा
Feb 28, 2024, 07:07 pm IST
in विश्व, विश्लेषण
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पाकिस्तान में एक महिला ने एक ड्रेस पहनी, जिसमें अरबी में “हलवा” लिखा हुआ था। मगर कट्टरपंथियों की भीड़ ने उसे घेर लिया और उसके खिलाफ सर तन से जुदा का नारा लगाने लगे। यह सब इतना अचानक हुआ कि महिला को ही सोचने का समय नहीं मिला और देखते ही देखते वह उस भीड़ से घिर गयी, जो केवल अरबी में कुछ लिखा होने के कारण यह समझ रही थी कि महिला ने कुरआन का अपमान कर दिया है।

भीड़ इस सीमा तक उग्र थी कि जिस दुकान में महिला छिपी हुई थी, उस दुकान के गैर-मुस्लिम मालिक के अनुसार उनकी दुकान में चाकू लेकर लोग घुस आए थे। एक वीडियो में उस गैर-मुस्लिम दुकानदार का डर भी दिख रहा है, जिसमें वह कह रहे हैं कि वह तो खुद ही अल्पसंख्यक हैं, वह क्या बोलें, मगर बाद में उनका कहना था कि जब तक पुलिस नहीं आई थी, तब तक उनकी दुकान में ही एक मौलवी छुरी लेकर आ गया था।

https://twitter.com/documaraftab/status/1762446693469970502?

साधारण व्यक्ति जो अरबी नहीं समझता है, उसका उग्र होना तो तब भी कट्टरपंथी समाज में समझ में आता है, मगर मौलवी का छुरी लेकर पहुंचना? यह चौंकाता है। यह इसलिए चौंकाता है, क्योंकि ये वह लोग होते हैं, जिनके जिम्मे मजहबी तालीम आदि देना होता है, जिनके ऊपर लोगों को यकीन होता है कि इन्हें कम से कम यह पता होगा कि लिखा क्या है?

मगर अरबी में “हलवा” लिखा गया है, क्या यह समझ नहीं आया और भीड़ एकत्र हो गयी? जो भीड़ थी, क्या उसमें से किसी ने भी यह पढ़ने का प्रयास नहीं किया या फिर उन्हें अरबी समझाई ही नहीं जाती है? यह सारी चिंताएं पाकिस्तान के लोग कर रहे हैं। इस मामले से यह भी स्पष्ट होता है कि वहां पर गैर-मुस्लिमों की क्या स्थिति होगी क्योंकि कोई भी अपने अनुमान से ही यह अफवाह उड़ा सकता है और उड़ाता भी है कि “बेअदबी हो गयी और अब सिर तन से जुदा किया जाना चाहिए!”

बेअदबी का आरोप झेल रहे पाकिस्तानी ईसाई फ़राज़ परवेज़ ने इस मामले पर एक्स पर पोस्ट करते हुए एक आदमी का वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह यह कहता हुआ नजर आ रहा है कि वह पढ़ा लिखा नहीं है, मगर उसे यकीन था कि जो लिखा गया वह कुरआन था।

"This Radical Muslim claimed, 'I am not educated, He says that it was clear to me that these are the verses of the Qur'an' #blasphemy #TLP
These individuals, who cannot distinguish between Qur'anic verses and the Arabic text, have unfortunately become self-proclaimed authorities… pic.twitter.com/R1oKwq8MVt

— Faraz Pervaiz (@FarazPervaiz3) February 27, 2024

यह घटना इसलिए और भी डराने वाली है क्योंकि इसमें उस भाषा की अज्ञानता को लेकर महिला पर हमला कर दिया था, जिसमें कुरआन लिखा गया है और उसे कोई यह समझता ही नहीं है। किसी को यह पता ही नहीं है कि आखिर अरबी में लिखा क्या है?

इसे लेकर पाकिस्तान में भी कई लोग सोशल मीडिया पर विरोध में उतर आए हैं और कह रहे हैं कि यह कैसी जहालत हो रही है। पाकिस्तानी यूट्यूबर कमर चीमा ने अपने एक शो में बैरिस्टर हामिद बशानी से इस मामले पर बात की। बैरिस्टर हामिद का यह कहना था कि यह जो भी हो रहा है, वह कट्टरपंथ और जाहिलपने का मिश्रण है। इससे यह साबित होता है कि हमारे यहाँ कट्टरपंथ बढ़ रहा है और अब कोई रोकता नहीं है भीड़ को। कोई यह नहीं कहने आता कि यदि किसी ने यह पहना है तो दूसरे लोग क्यों सवाल उठा रहे हैं।

बैरिस्टर बशानी कुछ भी कहें, मगर पाकिस्तान की इस जहालत के पीछे पाकिस्तान के बनने के असली कारण के बारे में बात करने से शायद बशानी भी हिचकें। दरअसल जब कोई मुल्क अपनी मजहबी पहचान को लेकर अपना रूप पाता है तो वह अपनी मजहबी पहचान को और भी ज्यादा कट्टर करता जाता है, जिससे वही उस पहचान का असली दावेदार बन सके और पाकिस्तान में भी यही हो रहा है,

उसका निर्माण ही भारत की हिन्दू पहचान से पीछा छुड़ाने और मजहबी पहचान को पुख्ता करने के आधार पर हुआ था। इसलिए वह अपनी मजहबी पहचान को और पुख्ता करने के लिए लगातार नए मापदंड स्थापित करेगा, फिर चाहे अकादमिक हो या फिर उन्मादी भीड़ का इस तरह केवल अरबी भाषा को लेकर घेर लेना, और वह भी वह भाषा जो उनके मूल की नहीं है।

क्योंकि पाकिस्तान के फैशन मीडिया के सोशल मीडिया हैंडल द्वारा कुवैत के उस डिज़ाईनर का वक्तव्य प्रकाशित हुआ है, जिसमें उसने यह स्पष्ट किया है कि हमारा कोई भी लेनादेना पाकिस्तान में हुई घटना से नहीं है। हम केवल कुवैत में काम करते हैं, हम पूरे विश्व में काम नहीं करते। कृपया हमें सन्देश भेजना बंद करें।

हम अरबी शब्दों और अक्षरों को विभिन्न फोंट्स में प्रयोग करते हैं क्योंकि यह हमारी भाषा है!”

स्रोत-इन्स्टाग्राम

पाकिस्तान के साथ दरअसल समस्या यही है कि अपनी मूल जड़ों की भाषा से उन्हें घृणा है, क्योंकि उनकी नई मजहबी पहचान उस भाषा और संस्कृति को नकार कर ही बनी है और जिस भाषा और तहजीब को वह अपनी मानते हैं, उसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। कुवैत के डिज़ाईनर ने यह कहा है कि अरबी उनकी भाषा है, और वे अपनी भाषा को कई तरीके से लिखते हैं।

मगर मजहब के नाम पर अपनी ही जमीन का विभाजन कर पाकिस्तान बनाने वाले लोग कथित अपनी भाषा में लिखी इबारत ही नहीं पहचानते हैं! यह पहचान पर दावे की लड़ाई है।

परन्तु सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह कि पीड़ित महिला को उस भीड़ से माफी मांगनी पड़ी, जिसने कुछ न समझते हुए उस पर हमला किया था और वह भीड़ कब फिर अनियंत्रित हो जाए पता नहीं!

 

Topics: कपड़ों पर अरबी अक्षरहलवा इन अरबीArabic letters on clothesinsult to QuranHalwa in Arabicpakistan newsपाकिस्तान समाचारकुरान का अपमान
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

कारगिल विजय यात्रा: पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि और बदलते कश्मीर की तस्वीर

Shehbaz Sharif

संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान को तालिबान प्रतिबंध समिति का बनाया अध्यक्ष, सोशल मीडिया पर उठे सवाल

पाकिस्तान : 100 साल पुराने शिव मंदिर पर कब्जा, हिन्दुओं ने वीडियो जारी कर लगाई गुहार

पाकिस्तान में असुरक्षित अहमदिया मुसलमान : पंजाब प्रांत में डाक्टर की गोली मारकर हत्या

Rajnath Singh

ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा जवाब: राजनाथ सिंह

PM Shehbaz Sharif

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ का एक और ड्रामा: टैंक पर चढ़कर की बहादुरी की नकल, बोले -किताब लिखूंगा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अपनी सौहार्द भेंट के बाद जयशंकर ने बताया कि उन्होंने चीनी राष्ट्रपति को द्विपक्षीय संबंधों में हो रही प्रगति की जानकारी दी

चीन में जयशंकर ने कहा-संबंधों में तनाव कम, कैलास-मानसरोवर यात्रा शुरू होना सुखद, संपर्क बढ़े तो विवाद घटे

पाक-चीन की खैर नहीं…भारत ने बनाई एडवांस्ड मिसाइल; ब्रह्मोस से 3 गुना ज्यादा शक्तिशाली

Exclusive: मराठी अस्मिता नहीं, राजनीतिक वर्चस्व के लिए साथ आये उद्धव-राज

केरल की वामपंथी सरकार ने कक्षा 10 की सामाजिक विज्ञान पुस्तक में ‘लोकतंत्र : एक भारतीय अनुभव’ 'Democracy: An Indian Experience' शीर्षक से नया अध्याय जोड़ा है, जिसका विरोध हो रहा है। (बाएं से) शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन

केरल सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रम में किया बदलाव, लाल एजेंडे और काली सोच का सबक है 

Indian Railways

आज से बिना आधार OTP नहीं मिलेगा तत्काल टिकट, आम लोगों को मिली राहत

नीतू की बेटी को भी छांगुर ने बनाया मुस्लिम, पोते से कराई सगाई; हो रही थी निकाह की तैयारी

सुशांत कुमार मजूमदार  (File Photo)

अपहरणकर्ता मजहबियों से कैसे मुक्त हुए सुशांत मजूमदार? क्यों बांग्लादेश में आएदिन हिन्दुओं को किया जा रहा अगवा!

anand mahindra

आनंद महिंद्रा ने अपने करियर के 44 साल पूरे होने पर बताया सफलता का मूल मंत्र

Bihar Voter List Verification

बिहार में फर्जी वोटर्स का भंडाफोड़, चुनाव आयोग ने 35.69 लाख नाम वोटर लिस्ट से हटाए

Supreme Court

अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कुछ भी पोस्ट नहीं कर सकते, SC ने कार्टूनिस्टोंं और स्टैंडअप कॉमेडियनों पर की सख्त टिप्पणी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies