चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर दक्षिण के मिशन पर लगी भाजपा को लेकर बड़ा अनुमान व्यक्त किया है। उन्होंने भविष्यवाणी की है कि इस बार 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा कमाल करेगी। पश्चिम बंगाल में जहां भाजपा पिछली बार के आंकड़े से भी आगे रहेगी, तो वहीं तमिलनाडु में पार्टी इस बार डबल डिजिट के आंकड़े को पार करेगी।
प्रशांत किशोर टाइम्स नाउ को इंटरव्यू दे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने ये बातें कहीं। उन्होंने पश्चिम बंगाल को लेकर कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल में पहले से ही बहुत अच्छा कर रही थी और अब संदेशखाली के मुद्दे से सत्तारूढ़ पार्टी की छवि और अधिक खराब हुई है, जिसका फायदा भाजपा को ही मिलने वाला है। प्रशांत किशोर कहते हैं, “जो लोग दिल्ली में बैठकर ये सोचते हैं कि बंगाल में तो भाजपा खत्म हो चुकी है, उन तमाम लोगों के लिए 2024 लोकसभा चुनाव मे बंगाल के नतीजे चौंकाने वाले होंगे।” इसके साथ ही उन्होंने ये भी संभावना जताई कि न केवल तमिलनाडु, बल्कि तेलंगाना में भी भाजपा की स्थिति मजबूत है और वो अच्छा करेगी।
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इंडिया गठबंधन को दी नसीहत
इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर भी सवाल किया। उन्होंने कहा कि इंडिया अलायंस बनाया गया है, लेकिन राहुल गांधी अकेले कांग्रेस की यात्रा कर रहे हैं। जब चुनाव से पहले दिल्ली में पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगियों के साथ मिलकर रणनीति बनानी चाहिए तब राहुल गांधी मणिपुर से लेकर तमाम राज्य घूम रहे हैं। INDIA अलायंस बनने की शुरुआत हुई जून में। लेकिन सिर्फ दलों के साथ बैठने से और साथ बैठकर चाय पीने से कुछ नहीं होता है। कुछ लोग कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का उद्घाटन ऐसे वक्त में किया कि चुनाव में उसका लाभ लिया जा सके। अगर इस बात को मान भी लिया जाए कि ऐसा हुआ है तो इसका मतलब है कि 3-4 साल पहले से ही उन्होंने इसकी तैयारी कर रखी थी कि मंदिर का निर्माण इस गति से हो कि ये 2024 के चुनाव से पहले बन सके।
किसानों के आंदोलन को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि इस समय जो कुछ हो रहा है, इसमें कोई दो राय नहीं कि इसमें राजनीतिक ताकतें लगी हुई हैं। लेकिन किसानों के अपने मुद्दे हैं। हालांकि, ये आंदोलन 2024 लोकसभा इलेक्शन में कोई खास असर नहीं डाल पाएगा। आप देखिए कि ये इस समय दिल्ली में जो किसान हैं उनमें कुछ पश्चिमी यूपी के हैं, कुछ हरियाणा के हैं और अधिकतर पंजाब के हैं। इस आंदोलन में पूरे देश के किसान नहीं हैं।
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