Abu Dhabi: आज तक यूएई पूरी दुनिया में बुर्ज खलीफा के लिए मशहूर था लेकिन अब यह हिंदू मंदिर के लिए पूरी दुनिया में जाना जाएगा। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबू धाबी में बुधवार को पहले बीएपीएस हिंदू मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। जब से यह मंदिर बन रहा था तभी से यह लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ था। पीएम मोदी ने यूएई में संबोधित करते हुए कहा कि जब मैं 2015 में यहां आया था तो लाखों भारतीयों ने राष्ट्रपति से अबू धाबी में हिंदू मंदिर बनाने की इच्छा जताई थी। यह सुनकर वह तुरंत सहमत हो गए और बहुत ही कम समय में मंदिर निर्माण के लिए इतनी बड़ी जमीन उपलब्ध कराई है। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, मुझे नहीं पता कि मैं मंदिर का पुजारी बनने के योग्य हूं या नहीं, लेकिन मुझे भारत माता का पुजारी होने पर बहुत गर्व है।
यह विशाल हिंदू मंदिर एक मुस्लिम देश में बना है, जहां भारतीय दूतावास के अनुसार 26 लाख भारतीय रहते हैं, जो वहां की आबादी का 30% है। आज इस आर्टिकल की मदद से हम आपको इस विशाल हिंदू मंदिर की कुछ खास विशेषताओं के बारे में बताएंगे।
मंदिर की खासियत
- यूएई में बने पहले हिंदू मंदिर का नाम बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर है, जिसका उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया है। इस भव्य मंदिर के लिए जमीन संयुक्त अरब अमीरात द्वारा दान में दी गई है। 27 एकड़ भूमि पर बने इस मंदिर को बनाने में कुल 700 करोड़ रुपये की लागत आई है।
- इस मंदिर का निर्माण कार्य साल 2019 से चल रहा था, यह मंदिर दुबई-अबू धाबी शेख जायद हाईवे पर बना है।
- मंदिर के निर्माण में राजस्थान के मकराना के गांवों के कारीगरों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- 18 लाख पत्थरों का इस्तेमाल इस मंदिर को बनाने में किया गया है। मंदिर को संगमरमर के पत्थरों से बनाया गया है। मंदिर के लिए गुलाबी बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है। इन्हें उत्तरी राजस्थान से अबू धाबी लाया गया था। इस मंदिर में राजस्थान की नक्काशी कला को भी स्थान दिया गया है।
- मंदिर की ऊंचाई 108 फीट है, मंदिर के दोनों किनारों पर गंगा और यमुना का पवित्र जल बह रहा है, जो बड़े कंटेनरों में भारत से लाया गया है।
टिप्पणियाँ