कर्णावती: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छारोड़ी में गांधीनगर लोकसभा प्रीमियर लीग का धमाकेदार प्रारंभ करवाया। गांधीनगर लोकसभा प्रीमियर लीग में 1078 टीम के 16170 खिलाड़ी भाग लेंगे। भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या और बीसीसीआई के सेक्रेटरी जय शाह भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
गांधीनगर लोकसभा प्रीमियर लीग की ट्रॉफी का अनावरण करके गृहमंत्री और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने स्पर्धा का प्रारंभ करवाया। इस उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि साल 2036 का ओलंपिक अहमदाबाद में ही होगा और 2047 में जब भारत अपनी आजादी की शताब्दी मना रहा होगा। तब भारत ओलंपिक गोल्ड मेडल में टॉप पर होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अन्य क्षेत्र के साथ-साथ खेलकूद का क्षेत्र भी विकसित हो रहा है। जिसके परिणाम आने वाले 25 सालों में दिखेंगे। प्रधानमंत्री ने खेल के क्षेत्र में जो नींव रखी है। इस पर अब भव्य इमारत बनेगी जिसमें देश की राज्य सरकारें और युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में एक अनोखी स्पोर्ट्स इकोसिस्टम विकसित हुई है। जिसके परिणाम सब देख रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा है कि खेल में हार और जीत दोनों होते हैं, अगर हारते हैं तो उससे हताश हुए बिना जीत के लिए आगे बढ़ो। भारतीय खिलाड़ी पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन करेंगे ऐसा विश्वास अमित शाह ने जताया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के क्षेत्र में युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए PPP का सूत्र दिया है। PPP यानी पोटेंशियल + प्लेटफार्म = परफॉर्मेंस। गुजरात में पिछले दो दशक में आधुनिक स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए मजबूत स्पोर्ट्स कल्चर विकसित हुआ है। प्रधानमंत्री ने ‘गवर्नमेंट फॉर एथलीट, गवर्नमेंट फॉर स्पोर्ट्स पर्सन’ का नया सूत्र देश को दिया है।
जेतलपुर में फोरेंसिक सायन्स इंन्सटिट्यूट का उद्घाटन किया
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जेतलपुर में नरनारायण शास्त्री इंन्सटिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि फोरेंसिक साइंस के अभ्यास के लिए एक्सक्लूसिव यूनिवर्सिटी एकमात्र भारत में और वह भी सिर्फ गुजरात में ही है। नरेंद्र मोदी गुजरात में मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने गांधीनगर में फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का प्रारंभ करवाया था। आजादी के 70 सालों तक शासन में रहे कांग्रेसियों ने कुछ नहीं किया था। देश की क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम अंग्रेजों के बनाये हुए कायदे पर चलती थी। इसीलिए उसका नाम ‘इंडियन पिनल कोड’ था जिसे प्रधानमंत्री ने बदलकर ‘भारतीय न्याय संहिता’ कर दिया था। 15 अगस्त, 2047 से पहले हमारे समाज और देश में से गुलामी के प्रतीक जैसे सारे कायदे रद्द कर देने का लक्ष्य रखा गया है।
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