सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संविधान बेंच ने एससी-एसटी श्रेणियों के भीतर उप-वर्गीकरण की वैधता के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने एससी-एसटी श्रेणियों के भीतर उप-वर्गीकरण के आधार पर आरक्षण का समर्थन किया। एससी समुदायों के आरक्षण के भीतर आरक्षण से जरूरतमंद और सबसे कमजोर समूहों को आरक्षण का बड़ा हिस्सा मिल सकेगा। इसके अलावा जो लोग अपनी सामाजिक स्थिति में सुधार कर चुके हैं उन्हें आरक्षण का बड़ा हिस्सा हासिल करने से रोका जा सकेगा।
पहले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिन जातियों को आरक्षण का लाभ मिल गया है, उन्हें आरक्षण की श्रेणी से बाहर निकलना चाहिए। ये मामला पांच जजों की बेंच ने 2020 में बड़ी बेंच को रेफर कर दिया था। पांच जजों की बेंच ने एससी-एसटी श्रेणियों के भीतर उप-वर्गीकरण की वैधता पर दोबारा विचार करने को कहा था। इस मामले पर सात जजों की बेंच ने 6 फरवरी से सुनवाई शुरू की थी। सात जजों की बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस पंकज मित्तल, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा हैं।
सौजन्य – सिंडिकेट फीड
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