पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए हो रही वोटिंग के बीच वहां अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की खबरें भी सामने आ रही है। ताजा मामला पंजाब के सियालकोट का बताया जा रहा है, जहां इस्लामिक कट्टरपंथियों ने दो ईसाई भाइयों का अपहरण करके जबरन उनका इस्लामिक कन्वर्जन करवा दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित ईसाई व्यक्ति आजम शाह (28) अपने परिवार के साथ पंजाब के सियालकोट जिले के खरोटा सैयदन गांव में रहता है। यहीं पास के बाजार में उसकी दर्जी की एक दुकान है। आरोप लगाया जा रहा है कि आजम मसीह ईसाई मिशनरी का काम करता था। एक दिन आजम अपनी दुकान पर बैठा था कि वहीं का रहने वाला इस्लामिक कट्टरपंथी कासिम शाह हथियार से लैस होकर उसकी दुकार पर आय़ा और बंदूक की नोक पर उसा अपहरण कर लिया।
आजम का अपहरण करने के बाद आरोपी उसे अपने एक रिश्तेदार सन्नी शाह के घर ले गया। आजम ने बताया कि आरोपियों ने उसके छोटे भाई नदीम मसीह का भी अपहरण कर लिया। सन्नी के घर पर दोनों को आरोपियों ने पहले लोहे की रॉड से जनकर पीटा और फिर जबरन उनका इस्लामिक कन्वर्जन करवा दिया। आरोपियों ने बकायदा एक वीडियो भी रिकॉर्ड करवाया, जिसमें दोनों पीड़ितों से ये कहलवाया गया कि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्लाम अपना लिया है।
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मोबाइल और पैसे भी लूटे
रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लाम कबूल करवाने के बाद आरोपियों ने दोनों के पैसे और मोबाइल फोन भी लूट लिए। साथ ही धमकी दी कि अगर दोबारा से उन्होंने क्रिश्चियन बनने की कोशिश की तो उनकी हत्या कर दी जाएगी।
इस्लामिक कन्वर्जन के बाद दोनों भाई काफी डरे हुए थे, वो पुलिस में शिकायत भी दर्ज नहीं करा पा रहे थे, लेकिन फिर स्थानीय ईसाई समुदाय और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार कार्यकर्ताओं की मदद से उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाई। शिकायत के बाद पुलिस ने दो शाहों और एक मौलवी को इस्लामिक कन्वर्जन के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
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