दक्षिण अमेरिकी देश चिली के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है। जंगल के आसपास लोगों की घनी आबादी बसी हुई है, जिसकी चपेट में कई घर आ गए हैं, जिसमें अब तक 46 लोगों की जलकर मौत हो गई है। यहीं नहीं तकरीबन 1100 से अधिक घर जलकर राख हो गए हैं। चिली के राष्ट्रपति गैब्रिएल बोरिक ने मृतकों की पुष्टि करते हुए आशंका जताई है कि मरने वालों की संख्या अधिक हो सकती है।
वहीं शनिवार को आग की इस घटना को लेकर चिली की गृह मंत्री कैरोलिना तोहा ने एक बयान में कहा था कि देश के केंद्र और दक्षिण के जंगल में आग लगने की कुल 92 घटनाएं हुई हैं। मंत्री के मुताबिक, इन इलाकों में असामान्य रूप से काफी अधिक है, जिसके कारण आग ने भयानक रुप ले लिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जंगल में आग की सबसे भयावह घटना वालपराइसो क्षेत्र में हुई है। यहां अधिकारियों ने लोगों से डरकर अपने घरों को नहीं छोड़ने का आग्रह किया है। ताकि, दमकल की गाड़ियां, एंबुलेंस और दूसरे आपातकालीन वाहन आशानी से उन तक पहुंच सकें। अधिकारियों के मुताबिक, क्विल्पुए और विला एलेमाना कस्बों के पास शुक्रवार से दो बार आग लगने से कम से कम 8,000 हेक्टेयर (19,770 एकड़) जमीन जल गई है। इनमें से एक आग विना डेल मार के तटीय रिसॉर्ट शहर को खतरे में डाल रही थी, जहां कुछ पड़ोस पहले ही बुरी तरह प्रभावित हो चुके हैं।
वहीं शहर के पूर्वी किनारे पर एक पहाड़ी इलाका है विला इंडिपेंडेंसिया हैं, जहां पर भीषण आग ने कई घरों, व्यवसायिक ब्लॉकों को जलाकर खाक कर दिया। सड़कों पर कारें भी जलकर राख हो गईं। यहीं के रहने वाले एक स्थानीय व्यक्ति रोलांडो फर्नांडीज ने बताया कि वो इस इलाके में बीते 32 वर्षों से रह रहे हैं, कभी सोचा नहीं था कि ऐसा होगा। फर्नांडीज का घर इस आग में जलकर खाक हो गया। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को उन्होंने दोपहर में पहाड़ी पर आग जलती देखी और 15 मिनट के अंदर सब कुछ जलकर राख हो गया।
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