जॉर्डन में अमेरिकी बेस पर हमले करके ईरान और उसके समर्थन वाले मिलिशिया संगठन बहुत पछता रहे होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि जॉर्डन हमले के बाद अमेरिका लगातार ईरान या उसके समर्थन से चल रहे आतंकी समूहों को ध्वस्त करने में लगा हुआ है। इसी क्रम में ईराक और सीरिया में हमले के ठीक एक दिन बाद उसने ब्रिटेन की सेना के साथ मिलकर यमन के हूती विद्रोही समूहों पर ताबड़तोड़ एयर स्ट्राइक की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका-ब्रिटेन ने यमन में घुसकर हूती विद्रोहियों के करीब 30 से अधिक ठिकानों को बर्बाद कर दिया। हमले के लिए अमेरिका और ब्रिटेन ने युद्धपोत ड्वाइट आइजनहावर का इस्तेमाल किया गया। विमानवाहक पोत से अमेरिका के US FA-18 और ब्रिटेन के टाइफून GR-4 फाइटर जेट्स ने एय़र स्ट्राइक के लिए उड़ान भरी तो वहीं डिस्ट्रॉयर USS ग्रेवली और USS कार्नी से टॉमहॉक मिसाइलों के जरिए सटीक हमले किए गए। इस बात की जानकारी ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय और अमेरिकी अधिकरियों ने दी है।
इसे भी पढ़ें: जॉर्डन हमले का बदला : US आर्मी ने ईराक-सीरिया में 85 हमले किए, ईरान पर कई प्रतिबंध भी लगाए
उल्लेखनीय है कि इस हमले पहले अमेरिका ने यमन में एक डिफेंसिव हमला किया, इसमें उसने हूती विद्रोहियों के 6 एंटीशिप क्रूज मिसाइलों और ड्रोन्स को नष्ट कर दिया जो लॉन्चिंग के लिए तैयार थे। इस हमले के साथ ही अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि हूती लांचरों, रडार साइटों और ड्रोन्स को बर्बाद करने के लिए ब्रिटेन के साथ मिलकर संयुक्त अभियान चलाया था। इस कार्रवाई को लेकर अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने दो टूक कहा है ये हमले हूतियों को संदेश देने के लिए हैं कि अगर अंतरराष्ट्रीय शिपिंग और नौसैनिक जहाजों पर हमले बंद नहीं किए तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहो।
इस बीच हूती विद्रोहियों ने भी स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका के हमले से वो पीछे हटने की जगह हमलों को और अधिक तेज करेंगे। गौरतलब है कि इससे पहले शुक्रवार को भी अमेरिका ने जॉर्डन में टॉवर-22 पर हमले के जबाव में ईराक और सीरिया में 85 हमले किए थे।
अमेरिका ने चेतावनी दी है कि जॉर्डन हमले का बदला एक हमले, एक टार्गेट या फिर एक समूह तक सीमित नहीं रहेगा। अमेरिका ने कहा है कि ये हमला और तेज होगा।
टिप्पणियाँ