नई दिल्ली । शुक्रवार को विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के उल्लंघन मामले में शुरुआती जांच के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले से जुड़े कई लोगों से पूछताछ की है। इसी मामले में जांच के तहत सीबीआई ने आज एफसीआरए उल्लंघन मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा से सामाजिक कार्यकर्ता बने हर्ष मंदर के दिल्ली स्थित घर और कार्यालय पर छापेमारी की।
बता दें कि हर्ष मंदर की एक संस्था को विदेशी फंड मिलने का आरोप लगा है। हर्ष मंदर के एनजीओ ‘अमन बिरादरी’ के ख़िलाफ सीबीआई ने एफसीआरए के प्रावधानों के उल्लंघन के आरोप में केस दर्ज किया है। सीबीआई ने शुक्रवार को हर्ष मंदर के एनजीओ ‘अमन बिरादरी’ से जुड़ी जगहों की तलाशी ली है। हर्ष मंदर यूपीए सरकार के दिनों में सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली नेशनल एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य रहे थे।
बच्चों से कराया CAA के खिलाफ प्रदर्शनों
संप्रग सरकार के कार्यकाल में पूर्व ब्यूरोक्रेट रहे हर्ष मंदर की हैसियत एक ताकतवर सामाजिक कार्यकर्ता की थी। संप्रग के शासन में राष्ट्रीय सलाहकार परिषद में रहते हुए हर्ष ने देशभर में अपना नेटवर्क खड़ा किया। बिना अनुमति बीसियों बाल गृह खोले और उसमें रहने वाले अनाथ बच्चों को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरना-प्रदर्शनों में बिठाया। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की जांच में इसकी कलई खुली। बच्चों के कन्वर्जन से लेकर अराजकता फैलाने के मामले भी सामने आए। हर्ष मंदर के एनजीओ पर विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के उल्लंघन का आरोप है। विदेश से गलत तरीके से चंदा लेने सहित अन्य आरोप भी हैं। इसके अलावा उनके कई ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने वर्ष 2021 में भी छापा मारा था।
जानिए कौन है हर्ष मंदर
हर्ष मंदर दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में भड़काऊ भाषण देने के लिए ये चर्चा में आए थे। ये वैसे तो पूर्व आईएएस हैं, लेकिन फिलहाल कांग्रेस के दुलारे, एनजीओजीवी ‘एक्टिविस्ट’ हैं। इनके एनजीओ के खिलाफ दिल्ली में मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस के मुताबिक राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग की शिकायत पर उम्मीद अमन घर और खुशी रेनबॉ होम के खिलाफ मंगलवार को महरौली थाने में मामला दर्ज किया गया। ये दक्षिण दिल्ली में हैं और इनकी स्थापना सेंटर फॉर इक्यूटी स्टडीज (सीएसई) ने की है। सीएसई का संचालन हर्ष मंदर करते हैं।
दिल्ली दंगों में है नाम
हर्ष मंदर का नाम दिल्ली दंगों में अभियुक्त के रूप में है। चार्जशीट में उन्हें दंगा भड़काने के आरोप में अभियुक्त बनाया गया है। एक्टिविस्ट गैंग के खास चेहरे मंदर भी अपने बाकी साथियों की तरह कानून, संविधान, सुप्रीम कोर्ट… किसी पर भरोसा नहीं रखते। मूल चरित्र अलगाववादी, प्रत्यक्ष तौर पर हर भारत विरोधी ताकत के साथ।
वीडियो हुआ था वायरल
हर्ष मंदर का दिल्ली दंगों के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था। मंदर ने जामिया इलाकों में लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि देश का भविष्य तय करने के लिए लोगों को सड़क पर उतरना होगा, क्योंकि एनआरसी, अयोध्या व जम्मू-कश्मीर मामले में सुप्रीम कोर्ट मानवता, समानता और धर्मनिरपेक्षता को बचाने में नाकाम रहा है।
प्रोपेगेंडा के तहत लिखा लेख, पाकिस्तानी पीएम ने किया शेयर
हर्ष मंदर जैसे अर्बन नक्सलों का असली सपना है सिविल वॉर.. सोनिया गांधी की सुपर सलाहकार मंडली में रहे हर्ष मंदर ने मुसलमानों को कथित रूप से राजनीतिक हाशिए पर धकेले जाने के मसले पर एक लेख लिखा। जिसे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी शेयर किया।
इसमें मंदर लिखते हैं, “मुस्लिम वास्तव में राजनीतिक रूप से आज निष्कासित, बेघर और अनाथ हैं। यह तब है, जबकि दुनिया की मुस्लिम आबादी का दसवां हिस्सा भारत में निवास करता है। तकरीबन 18 करोड़ मुसलमान, ये इंडोनेशिया और पाकिस्तान के बाद किसी मुल्क में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी है। भारत में एक मुसलमान होना कभी इतना मुश्किल नहीं रहा, कम से कम बंटवारे के उन तूफानी दिनों बाद से आज तक तो नहीं।”
आतंकी इशरत जहां के पैरोकार
हर्ष मंदर इशरत जहां के जाने-माने पैरोकार रहे हैं। इशरत को गुजरात की क्राइम ब्रांच ने तीन अन्य आतंकवादियों के साथ मार गिराया था। इशरत लश्कर ए तैयबा के लिए काम करती थी। यह भी आरोप है कि इशरत जहां एनकाउंटर मामले में मंदर ने जिस तरीके का प्रोपेगेंडा फैलाया, उसके लिए मोटी फंडिंग हुई थी।
आतंकी याकूब मेनन की करी पैरवी
हर्ष मंदर भी उसी गैंग में शामिल है, जिसने मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी रुकवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया। मंदर जैसे ‘एक्टिविस्ट’ सिर्फ कांग्रेस के नहीं, बल्कि अर्बन नक्सलों, जिहादियों के प्रिय हैं।
बाल गृह में यौन शोषण
झारखंड की राजधानी रांची के धुर्वा क्षेत्र के ‘रेनबो होम’ में सात साल की बच्ची के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया। आरोपों के अनुसार यहां के एक गार्ड ने मासूम बच्ची के साथ यौन शोषण किया। यह ‘रेनबो होम’ हर्ष मंदर का था जिसका संचालन रेनबो फाउंडेशन इंडिया द्वारा किया जाता था। इस घटना का खुलासा तब हुआ जब 22 अप्रैल 2022 को रांची के एक समाजसेवी ने इस घटना की जानकारी झारखंड सरकार और राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को पत्र लिखकर दी।
पत्र में उन्होंने लिखा कि रेनबो फाउंडेशन इंडिया द्वारा संचालित रेनबो होम में कार्यरत गार्ड द्वारा 7 वर्ष की जनजातीय समाज की बच्ची के साथ यौन शोषण किया गया। रेनबो होम के संचालक, वार्डन, होम मैनेजर श्वेता, रीना कच्छप और डॉ बनमाली आदि इस पूरे मामले को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने रांची बाल कल्याण समिति पर भी इस मामले को दबाने का आरोप लगाया। इस पत्र की प्रतिलिपि झारखंड के राज्यपाल, झारखंड पुलिस महानिदेशक, रांची के अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक और वरीय पुलिस अधीक्षक को भी भेजी गई। इतनी जानकारी देने के बाद भी झारखंड सरकार या झारखंड पुलिस की ओर से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। तो अंत में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो को खुद दिल्ली से रांची आना पड़ा। क्योंकि झारखंड में कांग्रेस और JMM गठबंधन की साझा सरकार है जो उस समय हेमंत सोरेन के नेतृत्व में कम कर रही थी।
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