जमीन घोटाले के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की गिरफ्तारी के बाद अब झारखंड मुक्ति मोर्चा के सीनियर लीडर चंपई सोरेन को पार्टी का नेता चुना गया है। प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री का पदभार चंपई सोरेन संभालेंगे। इस बीच खबर आ रही है कि चंपई सोरेन ने प्रदेश के राज्यपाल से मिलकर उन्हें 43 विधायकों के समर्थन वाला पत्र सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।
कई विधायक तो राजकीय गेस्ट हाउस में ही डेरा डाले हुए हैं। चंपई सोरेन का दावा है कि उनके पक्ष में 47 विधायक हैं, लेकिन समर्थन पत्र केवल 43 विधायकों का ही सौंपा। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद अब सियासी हड़कंप मच गया है। इसी के चलते INDIA खेमे में भी बैठकों का दौर शुरू हो गया है। दिल्ली में बुधवार की देर रात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दिल्ली आवास पर सोनिया गांधी, वामपंथी CPIM के महासचिव सीताराम येचुरी, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, डीएमके नेता टीआर बालू और झारखंड मुक्ति मोर्चा को नेताओं समेत कई बड़े दलों के नेता शामिल हुए। इन सभी ने लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चाएं की।
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गौरतलब है कि रांची लैंड स्कैम के मामले में मुख्यमंत्री रहे हेमंत सोरेन का नाम लगातार आ रहा था और इसी कारण उन्हें प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ के लिए बुला रहा था। उन्हें 10 बार समन जारी करने के बाद भी वो पेश नहीं हो रहे थे। हेमंत सोरेन केजरीवाल की राह पर चलते हुए लगातार ईडी के समन को दुर्भावनापूर्ण और राजनीति से प्रेरित करार दे रहे थे। अभी 29 जनवरी को तो वह गायब भी हो गए थे। उनके गायब होने की खबरें मीडिया का सुर्खियां बनी रहीं।
हालांकि, बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया, लेकिन उससे पहले उन्होंने वह नाटकीय अंदाज में सड़क के रास्ते 1250 किलोमीर की यात्रा कर दिल्ली से रांची पहुंचे और अपनी पार्टी के नेताओं के साथ चर्चाएं की। बता दें कि हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने से पहले ईडी की टीम ने 70 घंटे तक 40 से भी अधिक सवाल पूछे, लेकिन उन्होंने संतोषजनक जबाव नहीं दिया। जिसके बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया।
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