26 जनवरी 2024 को भारत में 75 वाँ गणतंत्र दिवस मनाया गया। 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर ‘महिला सशक्तीकरण’ की झलक देखने को मिली । भारत सैन्य शक्ति, महिला शक्ति के भव्य प्रदर्शन के साथ 75वां गणतंत्र दिवस मनाया गया। इस 75वें गणतंत्र दिवस की थीम भी ‘विकसित भारत और भारत-लोकतंत्र की मातृका’ रही है। गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार केंद्र में भी महिलाएं ही रहीं। इस रिपोर्ट में हम आपको 11 महिला अधिकारीयों के बारे में बताएंगे जिन्होंने कर्तव्य पथ पर अपने कदमों की धमक से भारत की नारी की शक्ति से दुनिया को अवगत करा दिया।
श्वेता के सुगथन : पहली बार कर्तव्य पथ पर, केवल महिला पुलिसकर्मियों से बने दस्ते ने मार्च किया। आईपीएस अधिकारी श्वेता के सुगथन के नेतृत्व में, इस दस्ते में 194 समर्पित महिला कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल शामिल थी , जो मुख्य रूप से पूर्वोत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से आती हैं।
दिल्ली पुलिस ने 1955 में पहली बार कर्तव्य पथ पर मार्च किया, जिसे पहले राजपथ के नाम से जाना जाता था। 1975 में, किरण बेदी ने पहली महिला के रूप में कमान संभाली और फिर लगभग पांच दशक बाद सुगथन की बारी आई, जिन्होंने 144 का नेतृत्व किया। सैनिक 1955 से अब तक दिल्ली पुलिस को 26 जनवरी की परेड में 40 बार सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दल का पुरस्कार मिल चुका है।
कैप्टन संध्या : गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार महिलाओं की त्रि-सेवा टुकड़ी भी हिस्सा बनी। मिलिट्री पुलिस की कैप्टन संध्या ने इसका नेतृत्व किया। इसमें अग्निवीर और सेना के सदस्य शामिल थे। इसमें 148 महिला जवान शामिल थीं।
सहायक कमांडेंट तनमय मोहंती : पहली बार केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की महिला कमांडो ने कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में शौर्य धुन पर कदमताल किया। महिलाओं ने ही बैंड की प्रस्तुति भी दी। पहली बार ऐसा हुआ जब सिर्फ सीआईएसएफ की महिलाएं ही परेड में शामिल हुई। सीआईएसएफ के पुरुष जवान शामिल नहीं हुए। सीआईएसएफ में सहायक कमांडेंट तनमय मोहंती 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड में परेड कमांडर की भूमिका निभाई। वह वाराणसी एयरपोर्ट पर पोस्टेड हैं।
लेफ्टिनेंट दीप्ति राणा : परेड में रडार सिस्टम स्वाति को भी शामिल किया गया। इसके नेतृत्व आर्टिलरी रेजिमेंट की लेफ्टिनेंट दीप्ति राणा ने किया। ये एक एडवांस मोबाइल रडार सिस्टम हैं।
लेफ्टिनेंट प्रियंका सेवदा : पिनाका की टुकड़ी भी परेड में मौजूद रही। इसके नेतृत्व 262 फील्ड रेजिमेंट की लेफ्टिनेंट प्रियंका सेवदा ने किया। पिनाका मल्टीपल लॉन्चर रॉकेट सिस्टम है। इसे भारत में ही तैयार किया गया है। ये सभी मौसम में उड़ सकता है।
लेफ्टिनेंट कर्नल अंकिता चौहान : मोबाइल ड्रोन जैमर सिस्टम और सिग्नल कोर एडवांस रेडियो फ्रीक्वेंसी मॉनिटरिंग सिस्टम को भी परेड में शामिल किया गया। इसका नेतृत्व अंकिता चौहान ने किया। ड्रोन जैमर सिस्टम का उपयोग ड्रोन और यूएएस सिग्नल, ग्राउंड कंट्रोल सिग्नल और टोजम ड्रोन गतिविधियों का पता लगाने और उसे ट्रैक करने के लिए किया जाता है।
मेजर सृष्टि खुल्लर : कर्त्तव्य पथ पर पहली बार सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा की महिला टुकड़ी ने मार्च किया। इसका नेतृत्व मेजर सृष्टि खुल्लर ने किया। इसमें आर्मी डेंटल कोर से कैप्टन अंबा सामंत, भारतीय नौसेना से सर्जन लेफ्टिनेंट कंचना, भारतीय वायु सेना से फ्लाइट लेफ्टिनेंट दिव्या प्रिया शामिल रहीं। सैन्य नर्सिंग सेवा के 144 अधिकारी शामिल थे।
स्क्वाड्रन लीडर रश्मी ठाकुर : रश्मी ठाकुर ने परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर भारतीय वायु सेना की मार्चिंग टुकड़ी का नेतृत्व किया । यह पहली बार है जब किसी महिला अधिकारी ने वायु सेना के मार्चिंग फॉर्मेशन का नेतृत्व किया।
रश्मी ठाकुर के नेतृत्व में भारतीय वायुसेना के मार्चिंग दल में स्क्वाड्रन लीडर सुमिता यादव, स्क्वाड्रन लीडर प्रतीति अलहुवालिया और फ्लाइट लेफ्टिनेंट कीर्ति रोहिल अतिरिक्त अधिकारी के रूप में शामिल हैं। ठाकुर एक लड़ाकू नियंत्रक के रूप में अपनी विशेषज्ञता के लिए जानी जाती हैं, गतिशील नेतृत्व की भावना का प्रतीक हैं, जो सशस्त्र बलों में समावेशिता के एक नए युग को प्रेरित करती।
लेफ्टिनेंट सुमेधा तिवारी : परेड में भारतीय सेना की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल MRSAM के लॉन्चर को दिखाया गया। इसे अभ्र हथियार प्रणाली भी कहते हैं। इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने इजरायल के IAI कंपनी के साथ मिलकर बनाया है। इसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट सुमेधा तिवारी कर रही थीं। इसे अभ्र वेपन सिस्टम भी बोलते हैं।
सुबेदार इंस्पेक्टर श्वेता सिंह : कर्तव्य पथ पर पहली बार बीएसएफ महिला ब्रास बैंड ने भी हिस्सा लिया। सीमा सुरक्षा बल की महिला टुकड़ी ‘नारी शक्ति’ का प्रदर्शन किया. इसका नेतृत्व सुबेदार इंस्पेक्टर श्वेता सिंह ने किया। इस बैंड ने ‘भारत के जवान’ धुन को बजाया।
बैंड कमांडर कांस्टेबल अंबिका पाटिल : भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की महिला बैंड टुकड़ी ने कर्तव्य पथ पर मार्च किया और इस दौरान बैंड द्वारा बजायी गयी ‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन से दर्शक रोमांचित हो उठे।
दल ने अपनी औपचारिक पोशाक में अल्लामा मोहम्मद इकबाल द्वारा लिखित ‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन पर मार्च किया।
टिप्पणियाँ