देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखंड सरकार ने उत्तरायणी पर्व यानि मकर संक्रांति के बाद से 22 जनवरी तक राज्य में वातावरण राममय करने की तैयारी कर ली है।
- अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर उत्तराखंड में भी तैयारियां तेज
- मुख्यमंत्री का निर्देश उत्तरायणी पर होने वाले आयोजन अयोध्या थीम पर आयोजित किए जाएं
- घरों में दीपोत्सव के अलावा कलश यात्रा, राम कथा, घाटों की सफाई, आरती और दीपोत्सव इत्यादि कार्यक्रम भी लोगों से करने की अपील
22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर उत्तराखंड में भी तैयारियां तेज हो गईं हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं कि उत्तरायणी पर होने वाले कार्यक्रमों को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की थीम पर आयोजित किए जाएं, साथ ही लोगों से अपील की है कि वे दीपोत्सव के साथ ही विभिन्न आयोजन इस अवधि में करें।
उत्तरायणी को इस बार अयोध्या समारोह की थीम पर आयोजित किया जाए। इसके अलावा उन्होंने लोगों से प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर घरों में दीपोत्सव करें, साथ ही इस अवधि में कलश यात्राओं के अलावा रामकथा आयोजित करने के साथ ही प्रमुख नदियों के घाटों की साफ-सफाई का अभियान चलाया जाए। इसके अलावा स्कूलों में राम के आदर्शों पर निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं।
सीएम धामी ने कहा कि श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है। देवभूमि उत्तराखंड के लोगों में भी इस समारोह को लेकर विशेष उमंग एवं ऊर्जा का माहौल है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य के संघर्ष के इतिहास में ही श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन का इतिहास भी जुड़ा हुआ है।
इसी क्रम में मुख्यमंत्री धामी ने निर्देश दिए हैं कि उत्तरायणी को इस बार अयोध्या समारोह की थीम पर आयोजित किया जाए। इसके अलावा उन्होंने लोगों से प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर घरों में दीपोत्सव करें, साथ ही इस अवधि में कलश यात्राओं के अलावा रामकथा आयोजित करने के साथ ही प्रमुख नदियों के घाटों की साफ-सफाई का अभियान चलाया जाए। इसके अलावा स्कूलों में राम के आदर्शों पर निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं।
हनुमान धाम में आयोजन
कॉर्बेट पार्क के पास श्री हनुमान धाम में श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के समय से पूर्व तीन दिनों तक भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। राम भजन गायन के लिए लखवीर सिंह लक्खा को बुलाया गया है।
टिप्पणियाँ