नागपुर जिला कोऑपरेटिव बैंक घोटाले में पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक सुनील केदार को जिला और सत्र न्यायालय ने 154 करोड़ रुपए के घोटाले में मुख्य अभियुक्त मानते हुए दोषी करार दिया है। इसी के साथ पांच अन्य भी दोषी साबित हुए हैं।
दरअसल, साल 2002 में कांग्रेस विधायक सुनील केदार एनडीसीसीबी के अध्यक्ष थे। इसी साल सरकारी प्रतिभूतियों में 125 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, क्योंकि एक निवेश फर्म होम ट्रेड सिक्योरिटीज के माध्यम से धन निवेश करते समय नियमों का उल्लंघन किया गया था। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जे वी पेखले-पुरकर ने इस मामले में फैसला सुनाया।
कितनी हुई सजा
कांग्रेस विधायक सुनील केदार को पांच साल की सजा के साथ जुर्माने के तौर पर दस लाख रुपये देने का निर्देश दिया गया है। उनके अलावा अन्य पांच आरोपियों को भी इतने ही साल की सजा सुनाई गई है।
कैसे खुला मामला
2002 में बैंक में 152 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला सामने आया था। तब सुनील केदार बैंक के चेयरमैन थे। वह इस मामले में मुख्य आरोपी भी थे। मुंबई, कोलकाता और अहमदाबाद की कुछ कंपनियों ने बैंक फंड से 125 करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड खरीदे थे। इसके बाद इन कंपनियों ने सरकारी बांड का भुगतान नहीं किया और बैंक को पैसा भी नहीं लौटाया था।
कौन है सुनील केदार?
सुनील केदार महाराष्ट्र के दिवंगत पूर्व मंत्री छत्रपाल केदार के बेटे हैं। वह महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। सुनील केदार ने 1992 में नागपुर जिला परिषद के सदस्य का चुनाव लड़ा। उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत यहीं से हुई। 1995 में 9वीं महाराष्ट्र विधानसभा में वह सावनेर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक बने। 1995 में केदार बिजली मंत्रालय और परिवहन मंत्रालय के राज्य मंत्री थे। 1996 में वह पत्तन मंत्रालय के राज्य मंत्री बने। एक बार फिर 2004 में 11वीं महाराष्ट्र विधानसभा में वह सावनेर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। 2009 में वह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते। 2019 में भी वह कांग्रेस की टिकट पर जीते और उन्हें उद्धव ठाकरे सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद से बरामद हुए थे 359 करोड़ से अधिक कैश
इसके पहले 6 दिसंबर, 2023 को झारखंड के लोहरदगा से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर 9 दिनों तक चली आयकर विभाग (Income Tax) की छापेमारी में 359 करोड़ से अधिक कैश बरामद हुआ था।
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