अमेरिका के खालिस्तानी सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में भारतीय अधिकारी के शामिल होने के दावे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यदि कोई भी देश हमें कोई जानकारी देता है तो हम निश्चित रूप से उस पर गौर करेंगे। ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स को दिए अपने एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमेरिका की तरफ से दिए गए सबूतों को हम जरूर देखेंगे और उस पर विचार करेंगे। पीएम मोदी बोले कि हमारी प्रतिबद्धता कानून के शासन के प्रति है।
बतादें, अमेरिकी एजेंसियों ने दावा किया है कि उसकी जमीन पर अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस के जनरल काउंसिल गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या की साजिश रची गई, जिसके पीछे भारतीय एजेंट्स रहे थे। जिसमें एक भारतीय अधिकारी भी शामिल था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान पश्चिमी देशों से अलगाववादी तत्वों को बढ़ावा नहीं देने की बात कही साथ ही उन्होंने भारत की चिंताओं को समझने की भी अपील की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम दूसरे देशों में बसे आतंकवादीतत्वों की गतिविधियों को लेकर चिंतित हैं। विदेशों में छिपे कुछ चरमपंथी समूह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में डराने धमकाने और हिंसा फैलाने के काम में लगे हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि गुरपतवंत सिंह पन्नू को 2020 में भारत ने आतंकवादी घोषित किया था। कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में वो छिपता रहा। उन्होंने कहा कि भारत कई बार पश्चिमी देशों से यह अपील कर चुका है कि वे सिख अलगाववादियों की गतिविधियों को गंभीरता से लें। वहीं इस मामले के बाद अमेरिका के साथ रिश्ते खराब होने की बात को प्रधानमंत्री ने सरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि दोनों तरफ से रिश्ते मजबूत करने के समर्थक लोगों की बड़ी संख्या है जो बताता है कि हमारी साझेदारी मजबूत और स्थिर है।
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