नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली सहित पूरे देश और दुनिया में चर्चित रहने वाला जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रशासन ने आये दिन होने वाले छात्रों के विरोध प्रदर्शन को लेकर बड़ा फैसला लिया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन जेएनयू अकादमिक भवनों के 100 मीटर के दायरे में धरना देने और दीवार पर पोस्टर लगाने पर 20 हजार रुपये तक का जुर्माना और मामला गंभीर होने पर यूनिवर्सिटी से निष्कासन तक की सजा सुना सकता है। इसके अलावा जेएनयू के नए आदेश के अनुसार किसी भी राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के लिए छात्रों को 10 हजार रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
इससे पहले हाई कोर्ट के आदेश पर प्रशासनिक इमारत जिसमें कुलपति, रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर सहित शीर्ष अधिकारियों के कार्यालय हैं उसके 100 मीटर के दायरे में प्रदर्शन पर रोक लगाई गई थी। हालांकि, अब चीफ प्रॉक्टर कार्यालय (सीपीओ) की संशोधित नियमावली के मुताबिक, विश्वविद्यालय ने कक्षाओं के स्थानों के साथ-साथ शैक्षणिक इमारतों के 100 मीटर के दायरे में प्रदर्शन पर रोक लगा दी है।
बता दें कि मार्च महीने में भी जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में यह नियम लागू किया गया था। उस आदेश में परिसर में धरना देने पर छात्रों पर 20 हजार रुपये का जुर्माना और हिंसा करने पर उनका दाखिला रद्द किया जा सकता था या 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता था। जब इस मामले को लेकर छात्र संगठनों ने काफी प्रदर्शन में किया, तो बाद में इसे वापस भी ले लिया गया था।
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