जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के चार साल बाद आज (सोमवार, 12 दिसंबर, 2023) को इस मामले में दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 370 अस्थाई प्रावधान करार दिया है। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि 370 को हटाने का फैसला संविधान के तहत लिया गया है।
इससे पहले इसी साल 5 सितंबर को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर लगातार 16 दिनों तक सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की थी। ये सुनवाई चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने की थी और सुनवाई पूरा करने के बाद अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। इस बेंच में जस्टिस एस के कौल, संजीव खन्ना, बी आर गवई और सूर्यकांत शामिल हैं। न्यायमूर्ति कौल 25 दिसंबर को सेवानिवृत्त होंगे जबकि अन्य तीन न्यायाधीश भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में हैं।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कुल 23 याचिकाओं पर सुनवाई की थी। इनमें कुछ तो 5 अगस्त 2019 को 370 हटाए जाने से पहले ही दायर किए गए थे। इनमें धारा 35ए को चुनौती दी गई थी। उल्लेखनीय है कि धारा 35ए के तहत जम्मू-कश्मीर को अपने स्थायी निवासियों के लिए विशेष कानून बनाने का अधिकार मिला हुआ था। 35ए के कारण भारत का संविधान वहां पर लागू नहीं होता था।
इसके अलावा अनुच्छेद 370 के जरिए जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था। बाद में साल 2019 में केंद्र सरकार ने विवादित अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिए। इसके बाद हाल ही में लोकसभा में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल भी पास किया था। पुनर्गठन के बाद अब जम्मू कश्मीर विधानसभा में पीओके के लिए भी कुछ विधानसभा सीटों को आरक्षित कर दिया गया है।
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