इजरायल हमास युद्ध के बीच इजरायल की मदद करके अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन बुरे फंसे। जो बाइडेन अपने देश के अंदर पहले से ही सवालों के घेरे में थे, उस पर उन्होंने इजरायल की मदद के लिए अमेरिकी सीनेट को बाइपास करते हुए 14000 टैंक गोलों की आपूर्ति को रिलीज कर दिया। इसके बाद अब वो जांच के घेरे में आ गए हैं।
अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि इजरायल के मामले में अमेरिका खुद ही उन नियमों का पालन नहीं कर रहा है, जिसे बाइडेन सरकार ने इसी साल फरवरी में बनाया था। इस नियम में जेनेवा कन्वेंशन के तहत किसी भी देश को हथियारों की सप्लाई आयात कर रहे देश की कठोर जांच के बाद ही किया जाना चाहिए। जबकि, बाइडेन प्रशासन पर आरोप है कि उन्होंने इजरायल के युद्ध अपराधों की जांच किए बिना ही उसे हथियार जारी कर दिए। वो भी सीनेट को बाइपास करते हुए आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल किया था।
इसे भी पढ़ें: Israel Hamas war: इजरायल को 14000 टैंक के गोले बेचेगा अमेरिका, किया आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल
नियम में इस बात का उल्लेख किया गया है कि अगर कोई देश नागरिकों पर हमले कर रहा है और युद्ध अपराध कर रहा है तो उसे हथियारों की आपूर्ति नहीं की जा सकती। अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि इजरायली सेना क्या और कौन सी योजना बना रही है, इस तरह की खुफिया तैयारियों का अमेरिका रियल टाइम आकलन नहीं कर रहा था।
रिपोर्ट में बाइडेन प्रशासन द्वारा कांग्रेस को उपलब्ध कराए गए खुफिया आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया है कि इजरायल ने युद्ध के पहले डेढ़ महीने में गाजा पर 22,000 से अधिक अमेरिकी आपूर्ति किए गए बम गिराए थे। उसी अवधि में अमेरिका ने इज़रायल को कम से कम 15,000 बमों की आपूर्ति की थी, जिसमें 2,000 पाउंड (900 किलोग्राम) बंकर बस्टर बमों के साथ ही 50,000 155 मिमी तोपखाने के गोले शामिल थे।
इसे भी पढ़ें: क्या होगी Taliban के अपराधों पर कड़ी कार्रवाई? क्या कहती है ‘एमनेस्टी’ की International Criminal Court से अपील?
हालांकि, इन आऱोपों के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सफाई दी है। उन्होंने दावा किया है इजरायल को हथियारों की आपूर्ति में निर्यात नीति का कठोरता से पालन किया गया है। इस बीच कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि इजरायल के लिए अपने राजनयिक कवर के साथ-साथ हथियारों की आपूर्ति के कारण अमेरिका गाजा में संभावित युद्ध अपराधों में शामिल हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर को युद्ध शुरू होने के बाद से गाजा में मरने वालों की संख्या 18,000 फिलिस्तीनियों के करीब है, जबकि 49,500 घायल हुए हैं। बता दें कि गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का संचालन हमास करता है, जो इसके डेटा पर संदेह का कारण रहा है। वहीं मेडिकल जर्नल लैंसेट में एक अध्ययन में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है, जिसमें मृत्यु दरों के बढ़ने के कोई संकेत हों।
टिप्पणियाँ