कनाडा में गिरफ्तार किए गए खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार ने एक बार फिर से कोशिशों को तेज कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत 2023 में आतंकी घोषित किए गए 27 वर्षीय अर्श डल्ला के प्रत्यर्पण का अनुरोध करेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया एक्स पर इसको लेकर जानकारी शेयर की। उन्होंने एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें कहा गया है कि 10 नवंबर को गिरफ्तार किया गया अर्श सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला, जो कि खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ भी है, वह भारत में वाछिंत आतंकी है। उस पर 50 से अधिक गंभीर आरोप हैं। मई 2022 में भारत सरकार ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था। 2023 में उसे गिरफ्तार करने के लिए कनाडा से अनुरोध किया गया था, लेकिन उस वक्त उन्होंने इससे इंकार कर दिया था।
रणधीर जायसवाल ने इस बात की उम्मीद जताई कि भारत और कनाडा दोनों ही देशों में अर्श डल्ला की अवैध गतिविधियों को देखते हुए उसे भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा। ताकि उसे कानून का सामना कराया जा सके। उल्लेखनीय है कि बीते कुछ सालों में कनाडा में भारत से भागकर गए खालिस्तानी आतंकियों को ट्रूडो सरकार से बड़े पैमाने पर शरण दिया और उन्हें पाला पोषा। अब हो ये रहा है कि खालिस्तानी चरपमंथ कनाडा के लिए ही संकट बनता जा रहा है।
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कनाडा में बढ़ते आतंकवाद से अमेरिका भी चिंतित
हालात ये हो गए हैं कि कनाडा से तेजी से बढ़ रहे आतंकवाद और कट्टरपंथ से अमेरिका भी चिंतित हो गया है। अमेरिका को इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं आतंकी कनाडा की सीमा के जरिए अमेरिका में घुसकर उत्पात न मचाएं। इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सीमाओं की निगरानी के लिए नियुक्त टॉम होमन ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि कनाडा को ये समझना होगा कि वो अमेरिका में आतंकवाद का प्रवेश द्वार नहीं हो सकता।
अमेरिका का डर इसलिए भी जायज है, क्योंकि सितंबर 2023 यहूदियों पर हमला करने के लिए इसी तरह से एक पाकिस्तानी नागरिक अमेरिका में घुस गया था।
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