मथुरा में शाही ईदगाह परिसर में एएसआई सर्वे की मांग वाली याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। याची महेंद्र प्रताप सिंह की तरफ से दाखिल वाद पर हुई सुनवाई। याचिका में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को खंडित करके शाही ईदगाह मस्जिद बनाने का आरोप लगाया गया है। यह भी कहा गया है कि औरंगजेब के इशारे पर मंदिर परिसर को खंडित करके शाही ईदगाह बनाई गई थी।
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थित मंदिर के खंडित विग्रह को आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों में दबाने का भी आरोप लगाया गया है। हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं का तर्क सुनने के बाद मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं की आपत्ति को सुना। इसके बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया है।
उल्लेखनीय है कि श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि को मुक्त करने एवं अवैध कब्जे को हटाने का मुकदमा काफी लंबे समय से चल रहा है। अब यह मुकदमा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पहुंच गया है। हिंदू पक्ष ने शाही मस्जिद की 2.65 एकड़ भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में यह मांग की गई है कि कोर्ट कमिश्नर जारी किया जाए और उसके साथ ही पूरे परिसर का एएसआई से सर्वे कराया जाए।
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