इस्राएल ने जब से हमास पर जबरदस्त प्रहार करना शुरू किया है, तब से फिलिस्तीनी समर्थन के नाम पर कट्टरपंथी मुसलमानों को सेकुलरों की मदद से एक बार फिर दुनिया में अपनी शरारत करने को मौका मिला है। ‘महिलाओं और बच्चों’ की दुहाई देते हुए हजारों की संख्या में ब्रिटेन में भी पिछले एक महीने से ज्यादा समय से हर सप्ताहांत पर ये कट्टर मजहबी तत्व ‘युद्ध रोकने’, ‘फिलिस्तीन को समर्थन देने’ और हमास के पक्ष में आ जुटने का आह्वान तो कर ही रहे हैं, साथ ही वे यहूदी समुदाय के विरुद्ध भी आग उगल रहे हैं। उनके विरुद्ध नफरत का माहौल बना रहे हैं।
इस हरकत और इसके पीछे की सोच के विरुद्ध राजधानी लंदन में निकली रैली जबरदस्त रही और उसमें बड़ी बड़ी हस्तियों ने भाग लेकर मजहबी उन्मादियों की जहरीली सोच को उजागर किया है।
लंदन की सड़कों पर कल निकला यह मार्च इस मायने में महत्वपूर्ण रहा कि इसके जरिए पहली बार हमास का पक्ष लेने वालों को एक संदेश गया कि उनकी हरकतें बर्दाश्त नहीं होंगी। इस मार्च में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी आए थे। साथ ही ब्रिटेन में बसे भारतवंशियों ने बड़ी तादाद में इसमें सम्मिलित होकर दिखा दिया कि इस्लामी आतंक के विरुद्ध इस युद्ध में वे इस्राइल के पाले में खड़े हैं।
लंदन में इस रैली में लगभग एक लाख लोगों ने भाग लिया। दिलचस्प बात है कि भारतवंशियों ने भी पूरी ताकत के साथ यहूदी विरोधी कट्टरपंथी भावना का मुखर विरोध किया। अनेक लोगों ने इस्राएल के झंडे लिए हुए थे। अनेक भारतवंशियों के हाथों में भारत का तिरंगा था। रैली में शामिल लोगा इस्राएल पर हमास के 7 अक्तूबर के हमले की खुलकर भर्त्सना कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि गत 7 अक्तूबर को आतंकवादी संगठन हमास ने इस्राएल पर अचानक आतंकी हमला बोलकर उस देश सहित दुनिया को हैरान कर दिया। उस हमले में 1500 से ज्यादा मासूम नागरिकों की बेवक्त जान चली गई थी। सैकड़ों घायल हुए थे और करीब ढाई सौ को बंधक बना लिया गया था। उसके बाद इस्राएल ने एकजुट होकर हमास और उसके हमदर्दों पर चारों तरफ से ऐसा वार करना शुरू किया कि मजहबी कट्टरपंथियों के होश उड़ गए। उन्होंने रणनीतिपूर्वक दुनिया के अनेक देशों में सड़कों पर उतरकर इस्राएल और यहूदियों को कोसना शुरू कर दिया। जगह जगह यहूदियों को निशाना बनाया जाने लगा।
दुनिया के अधिकांश सभ्य देशों ने हमास के 7 अक्तूबर के हमले की भर्त्सना की। यहां तक कि सउदी अरब और बहरीन तक ने मुस्लिम देश होने के बावजूद हमास के विरुद्ध मत दर्शाया। लेकिन ज्यादातर मुस्लिम देश, ओआईसी संगठन और मजहबी कट्टरपंथियों ने यहूदियों के लिए नफरत फैलानी शुरू कर दी। इसी यहूदी विरोधी भावना के विरुद्ध लंदन में आयोजित हुई रैली एक कड़ा संदेश देती है।
लंदन में इस रैली में लगभग एक लाख लोगों ने भाग लिया। दिलचस्प बात है कि भारतवंशियों ने भी पूरी ताकत के साथ यहूदी विरोधी कट्टरपंथी भावना का मुखर विरोध किया। अनेक लोगों ने इस्राएल के झंडे लिए हुए थे। अनेक भारतवंशियों के हाथों में भारत का तिरंगा था। रैली में शामिल लोगा इस्राएल पर हमास के 7 अक्तूबर के हमले की खुलकर भर्त्सना कर रहे थे। भारतवंशियों ने इस रैली में आतंकवाद के विरुद्ध आवाज बुलंद की। उल्लेखनीय है कि 26 नवम्बर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमलों की कल 15वीं बरसी थी।
रैली में शामिल भारतवंशियों ने खुलकर कहा कि हम यहूदी समुदाय के साथ हैं। हम उनके साथ एकजुट हैं। भारतवासी इस युद्ध में इस्राइल के साथ खड़े हैं।
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