कोरोना के बाद फिर से चीन में रहस्यमयी बीमारी ने बच्चों को चपेट में ले लिया है, जिससे हड़कंप मच गया है। अस्पतालों के बाहर लाइनें लगी हैं। बताया जा रहा है कि इस बीमारी माइकोप्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू है। चीन में फैली इस बीमारी से पूरी दुनिया अलर्ट मोड पर है। भारत के डॉक्टर्स भी इस पर नजर बनाए हुए हैं। डॉक्टर ने लोगों को सावधान रहने, साफ-सफाई करते रहने की सलाह दी है। साथ ही कहा है कि अगर कोई सांस से संबंधित बीमारी से पीड़ित है तो उससे उचित दूरी बनाए रखें।
एनडीटीवी के अनुसार राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. अजय शुक्ला ने कहा, ‘मैं बस लोगों को सावधान रहने की सलाह दूंगा। साफ-सफाई की नियमित प्रथाओं का पालन करें और यदि आपको लगता है कि कोई है जिसे यह सांस संबंधी बीमारी या संक्रमण है तो दूसरों से दूरी बनाए रखने की कोशिश करें।’ उन्होंने यह भी कहा कि इस समय प्रदूषण भी हो रहा है और ऐसे में हमें मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। अपने हाथों को धुलें और सुरक्षित रहें।
डॉ. शुक्ला ने कहा, ‘अगर बच्चे स्कूल जा रहे हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि उन्हें खांसी, जुकाम, बुखार या अन्य कोई लक्षण तो नहीं है, उनसे बात करें और पूछें कि क्या उनकी कक्षा में कोई बच्चा इस बीमारी से पीड़ित है। यदि ऐसा होता है, तो स्कूल शिक्षक को इसके बारे में बताएं और यदि आपका बच्चा बीमार है तो उसे स्कूल न भेजें।” डॉ. शुक्ला ने यह भी कहा कि सांस की बीमारियों के साथ अस्पतालों में जाने वाले छोटे बच्चों की संख्या में वृद्धि ने चीन में स्थिति को अस्त-व्यस्त कर दिया है।
चीन की रहस्यमयी बीमारी के बारे में अभी तक एक्सपर्ट्स को बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। डब्ल्यूएचओ चीन में अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है, ताकि जानकारी प्राप्त की जा सके। चीन में सांस की बीमारियों के साथ अस्पतालों में जाने वाले छोटे बच्चों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। चीन के हालात को देखते हुए भारत सरकार भी अलर्ट पर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि सरकार स्थिति पर नजर रख रही है। आईसीएमआर और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक चीन में निमोनिया के बढ़ते मामलों पर नजर रख रहे हैं और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
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