चीन में जन्मा एक नया और गूढ़ रोग एक बार फिर उस देश सहित पूरी दुनिया को चिंता में डाल रहा है। चीन ही है जहां से कोरोना वायरस की कथित उत्पत्ति हुई थी और दुनिया भर में लाशों के अंबार लग गए थे। उस दौरान अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ की भूमिका को लेकर भी अनेक सवाल उठे थे। शायद इसीलिए इस बार इस नए उपने रहस्य की चादर में लिपटे रोग को लेकर वह सतर्क हो गया है।
चीन में जो नई बीमारी सिर उठा रही है उसे एक प्रकार का न्यूमोनिया बताया गया है। इसकी चपेट में आए लोगों का अस्पतालों में इलाज तो चल रहा है लेकिन अभी इस रोग की बाबत ज्यादा कुछ सामने नहीं आ पाया है।
रहस्यमय में लिपटे इस निमोनिया जैसे रोग के तेजी से बढ़ते जाने की प्रकृति लोगों की चिंता का वजह बनी हुई है। चीन के अस्पतालों में इसके रोगियों की सख्या में हर रोज बढ़त देखी जा रही है। हालत इस कदर बेकाबू होते जा रहे हैं कि अस्पतालों में बिस्तर कम पड़ने लगे हैं। ऐसे में डब्ल्यूएचओ की ओर से भी पड़ताल शुरू हुई है। फिलहाल तो उसने चीन से इस रोग के तमाम आंकड़े और अन्य बातों का ब्योरा मांगा है।
इस निमोनिया जैसे रोग के तेजी से बढ़ते जाने की प्रकृति लोगों की चिंता का वजह बनी हुई है। चीन के अस्पतालों में इसके रोगियों की सख्या में हर रोज बढ़त देखी जा रही है। हालत इस कदर बेकाबू होते जा रहे हैं कि अस्पतालों में बिस्तर कम पड़ने लगे हैं। ऐसे में डब्ल्यूएचओ की ओर से भी पड़ताल शुरू हुई है।
लेकिन कोरोना वायरस के दुनिया में फैलने से पहले जिस प्रकार का बर्ताव उस कम्युनिस्ट देश ने किया था, इस रोग को लेकर भी ठीक वही फितरत सामने आ रही है। नए रोग को लेकर चीन का कहना है कि इस रोग से इतना घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इसमें ऐसा कुछ चिंताजनक नहीं दिखता।
हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना तो यही है कि चीन में उपज रहे इस नए रोग के बारे में उसने पिछले महीने से ही ध्यान देना शुरू कर दिया था। संगठन ने चीन के तमाम डाटा और अन्य जानकारियों को खंगालना शुरू कर दिया है। इस रोग का ज्यादा असर, विशेष रूप से चीन के उत्तरी भाग में दिख रहा है। वहां छोटे बच्चों को सांस लेने में तकलीफ देखी गई है और बीमारी का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन को अभी तक इस नई बीमारी के जितने भी आंकड़े चीन से मिले हैं वे पर्याप्त नहीं हैं। इसलिए वहां से और गहन जानकारियां साझा करने को कहा गया है।
पता चला है कि कल डब्ल्यूएचओ की तरफ से इस विषय पर टेलीकांफ्रेंंसिंग के माध्यम से चीन के मेडिकल क्षेत्र से जुड़े अधिकारियों से विस्तृत बात भी की गई है। उन्होंने ही बताया कि इस रोग से ज्यादातार बच्चे चीन के उत्तरी भाग में ग्रसित देखे गए हैं। सांस के तंत्र पर असर डालने वाले इस रोग अथवा संक्रमण में ऐसा कुछ विशेष चिंताजनक नहीं है। लेकिन पूर्व अनुभव और चीन की चालाकियों को ध्यान में रखते हुए, इस रोग से जुड़ा हर प्रकार का डाटा साझा करने को कहा गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन को शायद संदेह है कि कोरोना के दौर की तरह चीन कहीं कुछ छुपा तो नहीं रहा है।
चीन के उत्तर में उभर रहे इस रोग को लेकर डब्ल्यूएचओ ने एक आधिकारिक वक्तव्य जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि संगठन हालात पर नजर रखे हुए है। वह चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए है। चीन को भी इस ओर पूरी गंभीरता से निगरानी बनाए रखने को कहा गया है।
उधर चीन के नागरिकों को विशेष रूप से कहा गया है कि इस रोग से बचने और इलाज पर गंभीरता से ध्यान दें। आम नागरिक संक्रमित बच्चों या लोगों से विशेष दूरी बनाकर रहें, क्योंकि अगर यह रोग संक्रमण से फैलने वाला हुआ तो इसका व्याप देखते ही देखते बढ़ सकता है और हालात चिंताजनक बना सकता है। लोगों से खास तौर पर कहा गया है कि जहां तक हो मास्क पहनकर रहें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों को इस नए रोग को लेकर इसलिए भी ज्यादा चिंता है क्योंकि अगर यह कोई साधारण न्यूमोनिया रोग होता तो इतनी तेजी से बच्चे संक्रमित न होते और इस पैमाने पर संक्रमित न होते। इसलिए यह रोग कोई आम रोग तो नहीं दिखता। लेकिन तो भी अभी इसे किसी महामारी की आहट कहना भी ठीक नहीं होगा। जो भी हो, इस दृष्टि से पूरी तरह होशियार और सावधान तो रहना ही होगा।
टिप्पणियाँ