चंडीगढ़। पंजाब में गत दिनों पराली संबंधी मशीनरी खरीदने में 140 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था। केंद्र सरकार ने अब मशीनरी के संबंध में दी जाने वाली अनुदान राशि रोक दी है। पंजाब सरकार पराली से निपटने के लिए किसानों को मशीनरी मुहैया कराने में जुटी रही और कई जिलों में मशीनों की खरीद-फरोख्त के बिना ही 140 करोड़ रुपये की सब्सिडी का घोटाला हो गया। हालांकि, राज्य सरकार की यह सर्वे रिपोर्ट 2021-22 व 23 के दौरान पराली मशीनों पर जारी की गई सब्सिडी में गड़बड़ी से संबंधित है, लेकिन इतनी बड़ी राशि का हेरफेर उजागर होने के बाद, एक तरफ जहां सरकार ने अब जिलेवार जांच शुरू कर दी है, वहीं केंद्र सरकार ने भी इस साल पराली मशीनरी पर दी जाने वाली 350 करोड़ रुपये की सब्सिडी राशि रोककर अपनी जांच टीमें पंजाब में उतार दी हैं।
इससे पहले केंद्र सरकार पराली मशीनरी पर सब्सिडी के एवज में 2018-19 से 2021-22 के दौरान 1178 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है। पंजाब सरकार की ओर से कराए सर्वे में यह बात सामने आई है कि 11000 से ज्यादा मशीनें किसानों तक पहुंची ही नहीं और फर्जी बिल बनाकर सब्सिडी की राशि हड़प ली गई। हाल ही में पंजाब सरकार को फाजिल्का और फरीदकोट में जांच के दौरान 1800 किसानों का पता चला, जिनके नाम पर पराली प्रबंधन मशीनरी की खरीद का रिकॉर्ड तो था, लेकिन उनके खेतों और घरों में जांच अधिकारियों को मशीनें नहीं मिलीं।
केंद्र सरकार ने 140 करोड़ के घोटाले की सर्वे रिपोर्ट को देखते हुए अब अपने स्तर पर पंजाब में जांच शुरू कराई है। केंद्रीय मंत्रालय की 16 टीमें अलग-अलग जिलों में किसानों के घरों में पहुंचकर मशीनरी की शिनाख्त कर रही हैं। खास बात यह है कि केंद्रीय टीमों ने इस जांच प्रक्रिया में पंजाब कृषि विभाग के अधिकारियों को अपने साथ शामिल नहीं किया है। टीमें सीधे गांव में पहुंचती हैं और संबंधित किसानों के घरों और खेतों में मशीनरी की पहचान कर रही हैं। जानकारी के अनुसार, केंद्रीय टीमें 20 नवंबर को अपनी रिपोर्ट केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को सौंपेंगी।
पंजाब कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक जगदीश सिंह ने बताया कि केंद्रीय टीमें सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगी, जिसके बाद केंद्र पंजाब को इस साल के लिए सब्सिडी राशि जारी करेगा। केंद्रीय टीमें किसानों की ओर से पराली प्रबंधन के लिए खरीदी मशीनरी का मुआयना कर रही हैं। उनके विभाग की तरफ से भी अधिकारियों को जिलेवार जांच का काम सौंपा गया है ताकि पराली प्रबंधन के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों में भ्रष्टाचार न हो सके।
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