इजरायल- हमास युद्ध बीते 40 दिन से युद्ध चल रहा है। इजरायल ने गाजा पर कब्जा करने का दावा किया है। आईडीएफ के गाजा की संसद और पुलिस हेडक्वार्टर पर इजरायली झंडा फहराने की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। लेकिन इस युद्ध के में इजरायल के सबसे बड़े सहयोगी अमेरिका की मुश्किलें भी लगातार बढ़ रही हैं। अमेरिका में बाइडेन प्रशासन के खिलाफ उनके घर में ही विद्रोह हो गया है। बाइडेन प्रशासन के मातहत लगभग 40 सरकारी एजेंसियों का प्रतिनिधित्व करने वाले 500 से अधिक राजनीतिक नियुक्तियों और स्टाफ सदस्यों ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को एक पत्र लिखकर इजरायल के समर्थन का विरोध किया है।
इस पत्र में इन अधिकारियों और नेताओं ने बाइडेन से गाजा में तत्काल संघर्ष विराम करने और मानवीय सहायता के लिए इजरायल पर दबाव बनाने की मांग की गई है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के कई अधिकारियों और अमेरिकी एजेंसियों के 1000 से अधिक अधिकारियों ने भी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को खुला पत्र लिखा है। दरअसल, जिस तरीके से इजरायल ताबड़तोड़ हमले गाजा में कर रहा है, पूरा गाजा खंडहर में तब्दील हो चुका है। अमेरिका पर इस बात का दबाव बढ़ रहा है कि वो जल्द से जल्द में मिडिल ईस्ट में इजरायल और हमास के बीच युद्ध को रुकवाए। ऐसा इसलिए क्योंकि मिडिल-ईस्ट के मुस्लिम देशों में अमेरिका के खिलाफ नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है।
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बाइडेन को पत्र लिखने वाले विभागों में यूएस स्टेट डिपार्टमेंट, व्हाइट हाउस, नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल औऱ न्यायिक विभागों के कर्मचारी शामिल हैं। इस पत्र में इन विभागों के अधिकारियों ने राष्ट्रपति बाइडेन से हमास के कब्जे से इजरायली बंधकों को रिहा करवाने और युद्ध को खत्म करवाने की मांग की है।
पत्र में कहा गया है कि भारी बहमत से अमेरिकी संघर्ष विराम की मांग कर रहे हैं। पत्र में अक्टूबर में हुए एक सर्वे का हवाला देते हुए कहा गया है कि 80 फीसदी डेमोक्रेट समेत 66 प्रतिशत अमेरिकी चाहते हैं कि अमेरिका इजरायल पर युद्ध रोकने के लिए दबाव बनाए। साथ ही अमेरिकी ये भी नहीं चाहते हैं कि अमेरिकी सेना मिडिल ईस्ट में इस महंगे और तर्कहीन युद्ध में शामिल रहे। पत्र लिखने वाले अधिकारियों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमसे ये वादा किया था कि वो एक ऐसी सरकार लाएंगे, जो कि अमेरिकी मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करे। इसी कारण से हम सभी ने सरकारी सेवा के लिए राजी हुए थे।
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अमेरिका समेत कई देशों ने गाजा में संघर्ष विराम से किया है इनकार
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन और फ्रांस समेत कई पश्चिमी देशों ने गाजा में संघर्ष विराम के बढ़ते दबाव के बीच इससे इनकार कर चुके हैं। इन देशों का कहना है कि गाजा में युद्ध विराम करने के लिए इजरायल पर दबाव बनाने से आतंकी हमास औऱ मजबूत होगा। उसे इससे फायदा पहुंचेगा। यही वजह है कि पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति ने हमास पर प्रतिबंधों का ऐलान किया था। हालांकि, अमेरिकी गाजा में मानवीय विराम की बात जरूरत करता है, जिसे इजरायल भी स्वीकार कर चुका है।
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