इजरायल में 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बर्बर हमला किया। इसके बाद ताकतवर इजरायल ने जबर्दस्त पलटवार किया। गाजा लगभग खंडहर में तब्दील हो चुका है, लेकिन खौफ इजरायल में भी है। यही कारण है कि हमास इजरायल युद्ध के बीच 1,25,000 लोगों का विस्थापन हुआ है। देश के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोग आतंकी हमले के डर से अपना घर छोड़ कर पलायन कर चुके हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन सभी लोगों को देश के 280 होटलों और गेस्टहाउसों में अनिश्चितकाल तक के लिए शरण दी गई है। बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार ने युद्ध को लंबा खिंचता देख विस्थापितों के लिए अलग से अस्थायी स्कूल और मेडिकल क्लीनिक्स को स्थापित कर रही है। इजरायल के जिन इलाकों से लोगों का विस्थापन हुआ है। उनमें इजरायल के दक्षिणी और उत्तरी गाजा की सीमा से सटे इलाकों से लोगों ने पलायन किया है। वहीं इजरायल के उत्तर में लेबनान का आतंकी संगठन हिजबुल्ला भी इजरायल के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है। इजरायल औऱ हिजबुल्ला के बीच लगातार संघर्ष जारी है।
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जानकारों का मानना है कि हमास से कहीं अधिक इजरायल के लिए हिजबुल्ला खतरा बना हुआ है। ऐसा हिजबुल्ला की ताकत के कारण है। उसे सीधे तौर पर ईरान का समर्थन हासिल है। ईरान से उसे कई तरह के विनाशकारी हथियार भी मिल चुके हैं। यही कारण है कि लेबनान की सीमा से लगे इजरायली गांवों को छोड़कर लोग पलायन कर रहे हैं। लोग इजरयल के अंदरूनी हिस्सों में पलायन कर रहे हैं। इन लोगों को इस बात का डर सता रहा है कि जिस तरह का हमला हमास ने किया था, उसी तरह का हमला हिजबुल्ला भी कर सकता है।
लेबनान की सीमा से 1000 फीट से भी कम दूरी पर रहने वाली 68 साल की ली रायविट्ज को भी आतंकी खतरे के बीच विस्थापित होना पड़ा। रायविट्ज कहती हैं, “हमने एक असामान्य स्थिति से बाहर निकलकर सामान्य जीवन बनाने की कोशिश की है।” ली कहती हैं कि भले ही हम सभी सुख सुविधाओं और विलासितापूर्ण जीवन जी रहे हैं, लेकिन हैं तो हम शरणार्थी ही हैं। हम भविष्य के बारे में सोच नहीं सकते, हम अतीत में नहीं रहते हैं, हम यहीं रहते हैं।
वापस अपने घर लौटने के मुद्दे पर वो कहती हैं कि सवाल ही नहीं उठता है। किबुत्ज की बाड़ें, द्वार औऱ सिक्योरिटी कैमरा भी आतंकियों को रोक पाने में असफल रहे हैं। एक वरिष्ठ इज़रायली अधिकारी ने कहा कि उत्तरी मोर्चा गाजा के युद्ध के मैदान की तुलना में शांत है, वहां तनाव बढ़ने के संकेत हैं। हिजबुल्लाह ने अधिक शक्तिशाली तोपखाने का उपयोग करना शुरू कर दिया है, जिससे अधिक इजरायली शहर खतरे में पड़ गए हैं। रविवार को एक गाइडेड-मिसाइल ने दो इजरायली नागरिकों को घायल कर दिया, जबकि इजरायल के जवाबी हमलों में कम से कम 70 हिजबुल्लाह आतंकवादी मारे गए।
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इजरायल के काफी महंगा साबित हो रहा युद्ध
हमास के खिलाफ युद्ध इजरायल के लिए काफी महंगा साबित हो रहा है। युद्ध में न केवल इजरायल के गोला-बारूद खत्म हो रहे हैं। बल्कि, इजरायल में इतिहास का सबसे बड़ा पलायन देखने को मिला है। पलायन करने वाले शरणार्थियों के लिए खाने-पीने, चिकित्सा और शिक्षा की व्यवस्था को दोबारा से स्थापित करना इजरायली सरकार के लिए बड़ी चिंता है।
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