रांची। झारखंड में आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के दो सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है। राज्य के हजारीबाग और गोड्डा जिले से दोनों आरोपितों की गिरफ्तारी हुई है। दोनों आरोपित आतंकी संगठन का प्रचार-प्रसार करने, फंड इकट्ठा करने, राष्ट्र विरोधी गतिविधियां संचालित करने और दो समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न करने जैसे काम में लिप्त थे।
गिरफ्तार आरोपितों में आरिज हसनैन और मोहम्मद नसीम शामिल हैं। मोहम्मद नसीम हजारीबाग के कटकमसांडी थाना क्षेत्र के महतो टोला का रहने वाला है। इसकी गिरफ्तारी हजारीबाग से की गई है। दूसरा आरोपित मो. आरिज हसनैन झारखंड के गोड्डा जिले के रहमत नगर का रहने वाला है। इसकी गिरफ्तारी गोड्डा से की गई है।
झारखंड पुलिस प्रवक्ता एवी होमकर ने बुधवार को बताया कि एटीएस को गुप्त सूचना मिली थी कि आईएसआईएस आतंकी संगठन का सक्रिय सदस्य मो. आरिज हसनैन गोड्डा में रह रहा है। साथ ही संगठन में सक्रिय रहकर सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से संगठन का प्रचार-प्रसार कर रहा है। इसके अलावा भोले-भाले लोगों को गुमराह कर संगठन से जोड़ रहा है और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को संचालित कर रहा है। इस सूचना के बाद एटीएस टीम गोड्डा गयी और जांच के क्रम में प्रथम दृष्टया मो. आरिज की गतिविधि संदेहात्मक पायी गयी।
आरिज को रांची लाकर गहन पूछताछ किया गया, जिसमें उसने आतंकी संगठन आईएसआईएस एवं अन्य प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़े होने की बात बताई। इसके मोबाईल में टेलीग्राम फीचर में एक संदिग्ध चैट पायी गयी, जिसके बारे में पूछने पर इसने अपने एक अन्य सहयोगी हजारीबाग के मो नसीम का नाम बताया। उसने बताया कि वह भी आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़ा हुआ है। नसीम के जरिये ही इसे “जेहाद” और कुफ बीथ तागूत पुस्तक भेजी गयी। दोनों पुस्तकें जिहाद और आईएसआईएस के नजरिया को बताता है।
इसी आईडी से चैट करते हुए नसीम ने इसे आईएसआईएस संगठन का बीएवाइटीएच भेजा है। ये पाकिस्तान और अफगानिस्तान के भी कई आतंकी संगठनों के सदस्यों के साथ सम्पर्क में है। इसका लक्ष्य फिलिस्तीन जाकर फिदायीन हमला कर मस्जिद ए अल अक्सा को यहूदियों से आजाद करना है। आगे पूछताछ में इसने बताया कि यह सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न आतंकी संगठनों का प्रतिबंधित वीडियो देखकर अपने साथियों में इसका प्रचार भी करने लगा।
इसी क्रम में वर्ष 2020 से ही यह फेसबुक के माध्यम से कई कश्मीरी युवक-युवतियों के भी सम्पर्क में आया, जिसकी जांच एटीएस कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन का सदस्य होना, संगठन का प्रचार-प्रसार करना फंड इकट्ठा करना, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों संचालित करना, दो समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न करने जैसे अपराध इन लोगों ने स्वीकार किया है।
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