बिहार के किशनगंज जिले में जिहादी तत्व हमास के आतंकवादियों के समर्थन में रैली निकालते हैं। रैली में आपत्तिजनक नारे भी लगते हैं। वहीं दूसरी ओर किशनगंज जिले के हिंदू अपने धार्मिक उत्सव भी ठीक से नहीं मना पाते हैं। यदि किसी स्थान पर हिंदू कोई धार्मिक आयोजन करते हैं, तो जिहादी तत्व उसके विरोध में उतर आते हैं। हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया है।
किशनगंज जिले की टेऊसा पंचायत में हिंदू समाज की महिलाएं कलशयात्रा निकाली रही थीं। जैसे ही इसकी जानकारी स्थानीय जिहादी तत्वों को हुई, उन्होंने इसे बलीचुका मोड़ के पास रोक दिया। स्थानीय हिंदुओं ने बताया कि शोभायात्रा रोकने वाले जिहादी तत्व कह रहे थे कि वे लोग प्रतिदिन होने वाले पूजा—पाठ से तंग आ चुके हैं। इसलिए उन्होंने शोभायात्रा को और किसी रास्ते से ले जाने को कहा। इसके साथ ही जिहादी तत्वों ने कलश शोभायात्रा में शामिल महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार भी करना शुरू कर दिया।
कलशयात्रा में शामिल पिंकी देवी ने बताया कि वे लोग मां भगवती की पूजा के लिए कैलाश चौक दुर्गा मंदिर से कलश लेकर देवीगाड़ा घाट से जल लाने निकले थे, लेकिन रास्ते में बलीचुका मोड़ के करीब शेरशाहवादी मुहल्ले से गुजरने पर विरोध शुरू हो गया। इस व्यवहार से महिलाएं भड़क उठीं। आक्रोशित महिलाएं 5 नवंबर को कैलाश चौक स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में धरने पर बैठ गईं। इनका कहना था कि जिन लोगों ने उनके साथ अभद्रता की है, उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हो और प्रशासन सुनिश्चित करे कि कलश यात्रा भी शांतिपूर्ण ढंग से निकले। इन महिलाओं के साथ अनेक हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता भी धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे भाजपा जिलाध्यक्ष सुशांत गोप ने कहा कि दोषियों की गिरफ्तारी हो, क्योंकि सार्वजनिक रास्ते पर सभी को आवागमन करने का अधिकार है। वहीं विहिप के जिला मंत्री संजय सिंह ने कहा कि बंगाल की तर्ज पर अब किशनगंज जिले में इस क्षेत्र के बहुसंख्यक आबादी वाले जन-प्रतिनिधि संविधान की दुहाई देकर सेकुलर होने का राग अलापते हैं और दूसरी ओर हिन्दू समाज की महिलाओं को कलशयात्रा निकाले जाने से जब रोका जाता है तो उन्हें सांप सूंघ जाता है। उन्होंने कहा कि जब यह देश सबका है और सड़क भी सार्वजनिक है तो क्यों कुछ लोगों को कलशयात्रा निकालने पर आपत्ति होती है? यह अत्यंत निंदनीय है। सार्वजनिक सड़क पर कलशयात्रा रोककर अभद्र व्यवहार करना तो घोर अपराध है। अतः आरोपियों के विरुद्ध प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो।
दो समुदायों के बीच बढ़ते विवाद को लेकर सदर थानाध्यक्ष सुमन कुमार सिंह दल—बल के साथ मौके पर पहुंचे। इस मामले में टेऊसा पंचायत के पूर्व मुखिया सह पूर्व एआईएमआईएम विधायक एवं वर्तमान राजद जिलाध्यक्ष कमरूल हुदा भी सक्रिय हुए। इन प्रयासों का सुफल यह हुआ कि शोभायात्रा फिर से निकाली गई। कई हिंदुओं ने यह भी बताया कि किशनगंज जिले में हिंदुओं की जो स्थिति होती जा रही है, वह हिंदू एकता की मांग कर रही है। बहुत दिनों बाद वह एकता देखने को मिली।
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