चंडीगढ़। पेड़ों को भी पेंशन मिलेगी। सुनने में आपको यकीन न हो, लेकिन यह सच है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को प्राणवायु देवता पेंशन योजना के तहत 3,810 वृक्षों को पेंशन देने की विधिवत शुरुआत की। योजना के तहत 75 साल या उससे अधिक पुराने वृक्षों को सालाना 2750 रुपये पेंशन दी जाएगी। इस पेंशन राशि में वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के अनुरूप वार्षिक वृद्धि भी की जाएगी। वन भूमि पर खड़े वृक्षों को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है।
राज्य सरकार के आज नौ साल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता के दौरान प्राणवायु देवता पेंशन योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा इस तरह की योजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य है, जिसका उद्देश्य 75 वर्ष से अधिक पुराने स्वस्थ वृक्षों को संरक्षण प्रदान करना है। यदि किसी के घर के आंगन में 75 वर्ष या उससे अधिक पुराना पेड़ है, तो वह अपने संबंधित जिले के वन विभाग के कार्यालय में जाकर पेंशन के लिए आवेदन कर सकता है। आवेदन का मूल्यांकन एक समिति द्वारा किया जाएगा और सभी शर्तों के सत्यापन के बाद लाभार्थी को पेंशन दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण अनुकूल पहलों को लागू करने में सक्रिय रही है, यह मानते हुए कि पेड़ हमें ऑक्सीजन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 75 वर्ष या उससे अधिक उम्र के पेड़ बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ते हैं। चयनित प्राणवायु देवता वृक्षों में लगभग 40 प्रजातियां शामिल हैं, जिनमें पीपल, बरगद, नीम, आम, जाल, गूलर, कृष्ण कदंब, पिलखन आदि प्रमुख हैं। ये सभी वृक्ष भारतीय हैं और इनका अत्यधिक पारिस्थितिकी महत्व है। ये पुराने वृक्ष विभिन्न भूमि पर खड़े हैं, जैसे कि निजी, पंचायती, संस्थागत और सरकारी संपत्ति पर। वन भूमि पर खड़े वृक्षों को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों से वृक्षारोपण अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने और पर्यावरण संरक्षण में भागीदार बनने का आग्रह किया। इस योजना के तहत लाभ लेने के लिए उन भूमि मालिकों द्वारा वन विभाग को आवेदन किए गए थे जिनकी भूमि में 75 वर्ष अथवा अधिक उम्र के वृक्ष हैं। राज्य में जिला स्तरीय संरक्षण समितियों ने इस योजना के 3,810 पात्र वृक्षों की पहचान की। इन वृक्षों की वार्षिक पेंशन राशि 2750 रुपये है, जिसको वृक्ष के परिरक्षक के खाते में उसके रखरखाव और देखभाल के लिए जमा किया जाएगा।
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