उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के रहने वाले वाले हिन्दू वीरेंद्र के बेटे का अपहरण करने के बाद उसे इस्लाम कबूल करवाने और उसका खतना करवाने के मामले में एनसीपीसीआर ने अपनी जांच के दायरे को आगे बढ़ा दिया है। आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो अपनी टीम के साथ सहारनपुर स्थित उस मदरसे में पहुंचे। लेकिन, मदरसे का मैनेजर फरार हो गया था, जिसके बाद उसके अंदर जाने के लिए आयोग ने मदरसे का ताला तुड़वा दिया।
इसकी जानकारी देते हुए प्रियांक कानूनगो ने सोशल मीडिया एक्स पर जानकारी दी कि मदरसे का मैनेजर फरार हो गया है और उसने बच्चों को भी वहां से हटा दिया है। जिला प्रशासन ने ताले को तोड़ा है।
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क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि हरदोई के गौसवा गांव के रहने वाले वीरेंद्र कुमार का 9 साल का बेटा 8 साल पहले चंडीगढ़ के रायपुर कलां से लापता हो गया था। परिवार ने उसके वापस आने की सारी उम्मीदें खो दी थीं, लेकिन 4 अक्टूबर 2023 को मुजफ्फरनगर पुलिस ने जब वीरेंद्र को फोन करके उनके नाबालिग बेटे के बारे में बताया तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पुलिस वालों ने वीरेंद्र को जानकारी दी कि वो जिन लोगों के साथ रह रहा था, वे उसके आधार कार्ड में नाम विशाल से बदलकर मोहम्मद उमर करना चाहते थे।
बेटे की खबर मिलते ही वीरेंद्र तुरंत पुलिस स्टेशन पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि उनके बेटे को मुसलमान बना दिया गया है। वो ‘पांच बार का नमाजी’ है। वो अब 17 साल का हो चुका है। उसका खतना भी कराया गया है। वीरेंद्र के बेटे को सहारनपुर के नगलाराई गांव से पुलिस ने बरामद किया। बाद में इस मामले में वीरेंद्र की शिकायत पर मुफ्फरनगर के चरथावल पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई।
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इस्लामिक परिवर्तन के मामले में पीड़ित के बयान के आधार पर नगलाराई गांव के प्रधान अफसरून, जामिया उस्मानिया इस्लामिया के मौलवी मतलूब और मौलवी मुकर्रम जमाल को आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि इन्ही आरोपियों ने विशाल को जबरन इस्लाम में परिवर्तित करने की साजिश रची थी। आरोपी नाबालिग हिन्दू लड़के के आधार कार्ड में उसका हिन्दू नाम बदलकर मोहम्मद उमर करना चाहते थे।
नाबालिग के पिता ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं 16 अक्टूबर को मामले में चरथावल पुलिस स्टेशन के थाना प्रमुख ओम प्रकाश सिंह नाबालिग का मेडिकल टेस्ट कराने और मजिस्ट्रेट के सामने उसका बयान दर्ज कराने के बाद गिरफ्तारी करने की बात कही थी। बहरहाल, पीड़ित के पिता की शिकायत पर आरोपियों पर आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और उत्तर प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 3 और 5(1) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
फिलहाल, फिलहाल नाबालिग के माता-पिता दोबारा से उसे हिन्दू रीति-रिवाजों में ढालने की कोशिशों में लगे हुए हैं। इधर आयोग भी सक्रियता से मामले की जांच में लगा हुआ है।
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