नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने रबी सीजन की छह फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में इजाफा किया है। सरकार का कहना है कि किसानों की आय डेढ़ गुना करने के क्रम में लगातार एमएसपी में इजाफा किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बुधवार को विपणन सीजन 2024-25 के लिए सभी अनिवार्य रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी।
केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने विपणन सीजन 2024-25 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि मसूर के लिए 425 रुपये प्रति क्विंटल, इसके बाद रेपसीड और सरसों के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल की मंजूरी दी गई है। गेहूं और कुसुम के लिए प्रति क्विंटल 150 रुपये की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है। जौ और चने के लिए क्रमश: 115 रुपये और 105 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है।
आज हुए इजाफे के बाद गेहूं के दाम 2125 से बढ़कर 2275 रुपये, जौ के भाव 1735 से बढ़कर 1850 रुपये, चने के दाम 5335 से बढ़कर 5440 रुपये, मसूर की कीमत 6000 बढ़कर 6425 रुपये, तोरिया और सरसों के भाव 5450 बढ़कर 5650 रुपये और कुसुम के भाव 5650 से बढ़कर 5800 रुपये हो गए हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार खाद्य सुरक्षा बढ़ाने, किसानों की आय बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए तिलहन, दलहन और श्रीअन्न या मोटा अनाज को बढ़ावा दे रही है। सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम), प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) और तिलहन और तेल पाम पर राष्ट्रीय मिशन (एनएमओओपी) जैसी विभिन्न पहल की हैं। किसानों को तिलहन और दलहन की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता, गुणवत्तापूर्ण बीज प्रदान किए जा रहे हैं।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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