मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारतीय सेना को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने के पहले ही दिन से भारतीय सेना को मालदीव से हटाने का काम करेंगे। एक इंटरव्यू में उन्होंने यह बात कही है। साथ ही यह भी कहा कि उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक काम यह भी है। बताते चलें कि मुइज्जू को चीन का समर्थन करने के लिए जाना जाता है।
दरअसल, मालदीव में पिछले महीने राष्ट्रपति के चुनाव में निवर्तमान राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह को मोहम्मद मुइज्जू ने हराया था। मुइज्जू अगले महीने औपचारिक रूप से राष्ट्रपति का पद संभालेंगे। वे भारतीय सेना को वहां से बाहर निकालने के चुनावी वादे पर अब भी अड़े हुए हैं। हालांकि उनका कहना है कि वह इस मुद्दे को राजनयिक तरीकों से हल करेंगे। मुइज्जू का कहना है कि राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने के एक सप्ताह में ही भारतीय सैनिकों की वापसी कराएंगे।
मोहम्मद मुइज्जू ने यह भी कहा, ”मैं वास्तव में कुछ दिन पहले भारतीय उच्चायुक्त से मिला था और उस बैठक के दौरान ही मैंने कहा था कि हमें इस मुद्दे को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाने की जरूरत है। उन्होंने इसे सकारात्मक रूप से लिया था और कहा था कि वे इस पर आगे बढ़ने का रास्ता खोजने के लिए हमारे साथ मिलकर काम करेंगे।”
मोहम्मद मुइज्जू ने कहा कि मालदीव सदियों से शांतिपूर्ण देश रहा है। हमारी धरती पर कभी कोई विदेशी सेना नहीं थी। किसी विदेशी सेना के होने से हम सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं। चीन की तरफ उनकी विदेश नीति के झुकाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम मालदीव समर्थक नीति का पालन करेंगे। किसी देश को खुश करने के लिए हम उसका पक्ष नहीं लेंगे, पहले हम अपना हित सुरक्षित चाहते हैं। कोई भी देश, जो इसका सम्मान करता है, वह हमारा अच्छा दोस्त होगा।
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