भारत की ब्रह्मोस की फिलीपींस में धूम, नौसेना के बाद अब वहां की थलसेना ने भी मांगी यह मिसाइल
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भारत की ब्रह्मोस की फिलीपींस में धूम, नौसेना के बाद अब वहां की थलसेना ने भी मांगी यह मिसाइल

फिलीपींस की थलसेनाध्यक्ष का भारत में बनी ब्रह्मोस मिसाइल के प्रति इतनी रुचि दिखाना दर्शाता है कि स्वदेश निर्मित रक्षा उत्पाद किसी तरह भी अन्य किसी देश के उत्पादों से उन्नीस नहीं हैं

by WEB DESK
Oct 14, 2023, 12:26 pm IST
in विश्व
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भारत के लिए यह गर्व की बात है कि भारत में नि​र्मित हथियार और रक्षा उपकरणों की आज दुनिया के अनेक देश प्रशंसा ही नहीं कर रहे हैं बल्कि उन्हें खरीद भी रहे हैं। ऐसा ही एक देश है फिलीपीस। उस देश की नौसेना ने भारत से ब्रह्मोस मिसाइलें खरीदी थीं। उनकी गुणवत्ता और मारक क्षमता से उस देश की सशस्त्र सेनाएं ऐसी प्रभावित हैं कि अब थल सेना अध्यक्ष ने भी ब्रह्मोस लेने की इच्छा जताई है। एक साक्षात्कार में सेनाध्यक्ष जनरल रोमियो ब्राउनर जूनियर ने कहा है कि उनकी फौज को भी ब्रह्मोस मिसाइल ही चाहिए।

फिलीपींस की थलसेनाध्यक्ष का भारत में बनी ब्रह्मोस मिसाइल के प्रति इतनी रुचि दिखाना दर्शाता है कि स्वदेश निर्मित रक्षा उत्पाद किसी तरह भी अन्य किसी देश के उत्पादों से उन्नीस नहीं हैं।फिलीपींस के सेनाध्यक्ष ने खुलकर कहा कि थल सेना भारत की बनी ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल खरीदने का मन बना चुकी है, बस योजना पर काम चल रहा है।

जनरल ब्राउनर ने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइलों को फिलीपींस की नौसेना के तालमेल से उस देश की तटीय सीमाओं की सुरक्षा में तैनात किए जाने का विचार है। भारत के साथ फिलीपींस ने 2022 में ब्रह्मोस मिसाइलें खरीदने का एक समझौता किया था। इसके अंतर्गत शुरू में इस मिसाइल की तीन बैट्री भेजी जानी हैं। इस करार का दाम 375 मिलियन डॉलर आंका गया था। फिलीपींस ने असल में वे ब्रह्मोस मिसाइलें विशेष रूप से अपने देश की नौसेना को मजबूत करने के लिए खरीदी हैं।

फिलीपींस के सेनाध्यक्ष जनरल रोमियो ब्राउनर जूनियर

ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल जहाज, हवाई जहाज, पनडुब्बी या जमीन से दागी जा सकती है। इसकी अधिकतम रफ्तार होती है करीब 3,400 किमी प्रति घंटा तथा यह 200—300 किलो वजनी हथियार तक ले जा सकती है। ये विशेषताएं विश्व में इसे अपनी तरह की एकमात्र मिसाइल बनाती हैं।

जनरल रोमियो ब्राउनर जूनियर ने पिछले दिनों दिए उस साक्षात्कार में यह भी कहा था कि फिलीपींस की नौसेना को ब्रह्मोस की पहली खेप मिलने जा रही है। लेकिन अभी बस तीन बैट्री ही मिलने वाली हैं जो जनरल ब्राउनर के हिसाब से आवश्यकता को देखते हुए पर्याप्त नहीं रहेंगी। उनका कहना है कि इसीलिए फिलीपींस की थल सेना भी ब्रह्मोस मिसाइलें खरीदने की सोच रही है।

सेनाध्यक्ष का कहना है कि फिलीपींस की नौसेना के साथ ही थल सेना भी जल्दी ही इन मिसाइलों से लैस होगी और तटीय सीमाओं की सुरक्षा और बेहतर होगी। माना जा रहा है कि फिलीपींस जल्दी ही भारत से और ब्रह्मोस मिसाइलें खरीदने का आदेश जारी कर देगा।

इस मिसाइल की बात करें तो प्रति मिसाइल बैट्री में एक ट्रैकिंग सिस्टम होता है और उसके अलावा दो अथवा तीन मिसाइल ट्यूबों वाले तीन आटोमैटिक मोबाइल लॉन्चर लगे होते हैं। फिलीपींस के सेनाध्यक्ष के अनुसार, बहुत जल्दी ब्रह्मोस हासिल करने का प्रस्ताव जल्दी ही पारित होने की ओर है। जनरल ब्राउनर कहते हैं कि इन मिसाइलों का तटीय सीमाओं पर एक निश्चित दूरी पर तैनात किया जाएगा जिससे कि पूरी तटरेखा सुरक्षित हो सके।

उल्लेखनीय है कि जनरल के इन बयानों से पहले ही फिलीपींस के रक्षा विभाग सचिव गिल्बर्टो तियोदोरो जूनियर ने बताया था कि फिलीपींस की नौसेना के लिए ब्रह्मोस की खेप इस साल के आखिर तक आ जाएगी। यहां बता दें कि ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल जहाज, हवाई जहाज, पनडुब्बी या जमीन से दागी जा सकती है। इसकी अधिकतम रफ्तार होती है करीब 3,400 किमी प्रति घंटा तथा यह 200—300 किलो वजनी हथियार तक ले जा सकती है। ये विशेषताएं विश्व में इसे अपनी तरह की एकमात्र मिसाइल बनाती हैं।

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