इतिहास में हम यह लिखा देखना नहीं चाहते कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कारण देश का उद्धार हुआ, हम यह लिखा देखना चाहते हैं कि इस देश में एक ऐसी पीढ़ी हुई, जिसने उद्यम किया और अपने देश को पूरी दुनिया का गुरु बनाया।
गत दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत अवध प्रांत के प्रवास पर रहे। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों और बैठकों में भाग लिया। इन बैठकों में अवध प्रांत में संघ कार्य के विस्तार और सुदृढ़ीकरण हेतु विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। हिंदू समाज के हित-चिंतन की दृष्टि से भी आगामी संभावनाओं को खोजने एवं उनके क्रियान्वयन पर चर्चा हुई।
अंतिम दिन श्री भागवत लखनऊ के निराला नगर स्थित सरस्वती कुंज में आयोजित प्रबुद्ध नागरिकों की एक बैठक में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि संघ संपूर्ण समाज को संगठित करना चाहता है। इसमें संघ के लिए कोई पराया नहीं है। आज जो लोग हमारा विरोध करते हैं, वे भी हमारे अपने हैं।
उनके विरोध से हमारी क्षति न हो, इतनी चिंता हम जरूर करेंगे। उन्होंने कहा कि सबको जोड़ने का हमारा प्रयास है और सबको बुलाने का भी हमारा प्रयास रहता है। संघ के स्वयंसेवकों द्वारा समाज में अनेक अच्छे काम समाज परिवर्तन हेतु किए जा रहे हैं, आप सब प्रबुद्धजन उन कार्यों में सहयोगी हो सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि सामाजिक परिवर्तन एवं राष्ट्र कार्य में अपनी-अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन करते हुए राष्ट्र को अपने स्वत्व पर खड़ा करने और परम वैभव संपन्न बनाने के लिए इस राष्ट्र को समझकर और सारे देश को एक करने की दिशा में जो भी छोटा-बड़ा काम आप अपनी पद्धति से करना चाहते हैं, उन्हें करें।
इतिहास में हम यह लिखा देखना नहीं चाहते कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कारण देश का उद्धार हुआ, हम यह लिखा देखना चाहते हैं कि इस देश में एक ऐसी पीढ़ी हुई, जिसने उद्यम किया और अपने देश को पूरी दुनिया का गुरु बनाया।
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