सरोजा जी का जन्म 1937 में बेल्लारी (कर्नाटक) में हुआ था। उन्होंने भरतनाट्यम में अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण चैन्ने के सरस्वती गण निलयम में प्राप्त किया और मद्रास विश्वविद्यालय में प्रो. पी. सम्बामूर्ति के शिष्यत्व में कर्नाटक संगीत का भी अध्ययन किया।
विश्वप्रसिद्ध नृत्यांगना और संस्कार भारती, दिल्ली की अध्यक्ष डॉ. सरोजा वैद्यनाथन का 21 सितंबर को निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थीं और दिल्ली के एक अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। सरोजा जी का जन्म 1937 में बेल्लारी (कर्नाटक) में हुआ था। उन्होंने भरतनाट्यम में अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण चैन्ने के सरस्वती गण निलयम में प्राप्त किया और मद्रास विश्वविद्यालय में प्रो. पी. सम्बामूर्ति के शिष्यत्व में कर्नाटक संगीत का भी अध्ययन किया।
उन्होंने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ से नृत्य में डी.लिट. किया था। सरोजा जी के माता-पिता दोनों लेखक थे। उनकी माताजी कनकम धर्मराजन तमिल की प्रसिद्ध लेखिका थीं। सरोजा जी का विवाह आईएएस अधिकारी श्री वैद्यनाथन से हुआ था।
इस दंपति के एक पुत्र हैं कामेश, जिनकी पत्नी रमा वैद्यनाथन भी अंतरराष्ट्रीय ख्याति की प्रसिद्ध भरतनाट्यम कलाकार हैं। सरोजा जी ने 1974 में ‘गणेशा नाट्यालय’ की स्थापना की, जहां नृत्य के अलावा छात्रों को तमिल, हिंदी और कर्नाटक संगीत भी सिखाया जाता है। डॉ. सरोजा ‘संस्कार भारती’ दिल्ली की 2021 से अध्यक्ष थीं।
कला और नृत्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु उन्हें 2002 में पद्मश्री और 2013 में पद्मभूषण से अलंकृत किया गया था। साथ ही उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, दिल्ली सरकार के साहित्य कला परिषद सम्मान और अनेक प्रतिष्ठित सम्मानों से भी अलंकृत किया गया। पाञ्चजन्य परिवार की ओर से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि।
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