देहरादून। ऋषिकेश-देहरादून वन प्रभाग के अंतर्गत एक और अवैध मजार को स्थानीय लोगों ने सहमति से ध्वस्त कर दिया। उत्तराखंड में अब तक 480 अवैध मजारें हटा दी गई हैं। जानकारी के मुताबिक भट्टोवाला और केशव ग्राम में अवैध मजारें मिलने का सिलसिला जारी है। बताया जा रहाा है कि ये अवैध मजारें खादिमों द्वारा एक षड्यंत्र के तहत हिंदू घरों में बनवाई गई हैं।
स्थानीय लोगों ने उन लोगों के साथ अपना संपर्क तेज कर दिया है, जिन घरों में ये अवैध मजारें बनाई गई हैं। इन परिवारों के साथ आपसी सहमति से अब तक 15 अवैध मजारें हटा दी गई हैं।
इसी क्रम में आज वन क्षेत्र में रेशों ग्राम में बनी एक अवैध मजार को तोड़ दिया गया। अभी भी करीब 55 अवैध मजारें इस क्षेत्र में और बताई गई हैं।
जानकारी के अनुसार ये सभी अवैध मजारें देहरादून फॉरेस्ट के अंतर्गत घरों में या फिर घरों के आसपास सरकारी जमीन पर बनाई गई हैं। स्थानीय लोगो में गुस्सा इस बात को लेकर भी है कि जब हाई कोर्ट का ये निर्देश है कि वर्ष 2009 के बाद बिना जिलाधिकारी की अनुमति कोई भी धार्मिक स्थल का निर्माण नहीं किया जा सकता तो ऐसे में ये अवैध मजारें कैसे बनने दी गई हैं ? ऋषिकेश हिंदू तीर्थ और योग नगरी है। यहां से ही चारधाम की यात्रा शुरू होती है। खादिमों ने स्थानीय हिंदुओं को बरगलाकर ये अवैध मजारें बनवाई हैं।
स्थानीय निवासी चंद्र भूषण शर्मा बताते हैं कि ये भोलेभाले लोगों को ठगने और उनकी जमीन पर कब्जा करने का एक षड्यंत्र है, जिसे लोगों ने तब समझा जब धामी सरकार का बुल्डोजर चला। वन भूमि पर दर्जनों अवैध मजारें हैं। उन्होंने बताया कि इस बारे में डीएफओ नीतीश मणि त्रिपाठी को भी अवगत कराया गया है।
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