नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को भारत के चन्द्रयान-3 के चांद के दक्षिणी छोर पर सफलतापूर्वक उतरने के अभियान के अंतिम पलों के साक्षी बने। दक्षिण अफ्रीका में मौजूद प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सफल अभियान के लिए इसरो और देश के वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि मिशन की सफलता सारी मानव जाति की सफलता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इसरो के चंद्र मिशन की सफलता के बाद अपने संबोधन में कहा कि इस साल भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। इसके जरिए एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का हमारा दृष्टिकोण दुनिया भर में गूंज रहा है। हमारे द्वारा प्रस्तुत इस मानव-केंद्रित दृष्टिकोण का सार्वभौमिक रूप से स्वागत किया गया है। हमारा चंद्र मिशन भी इसी मानवकेंद्रित दृष्टिकोण पर आधारित है। इसलिए यह सफलता पूरी मानवता की है। इससे भविष्य में अन्य देशों के और अधिक अभियानों को मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने साइंस और टेक्नोलॉजी को देश के उज्ज्वल भविष्य का आधार बताया और कहा कि आज के इस दिन को देश सदैव के लिए याद रखेगा। यह दिन हम सभी को एक उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। यह दिन हमें अपने संकल्पों की सिद्धि का रास्ता दिखाएगा। यह दिन इस बात का प्रतीक है कि हार से सबक लेकर जीत कैसे हासिल की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम और प्रतिभा से भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है, जहां आज तक दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका। अब आज के बाद से चांद से जुड़े मिथक बदल जाएंगे, कथानक भी बदल जाएंगे और नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत में हम सभी लोग धरती को मां कहते हैं और चांद को मामा बुलाते हैं। कभी कहा जाता था चंदा मामा बहुत दूर के हैं। अब एक दिन वह भी आएगा जब बच्चे कहा करेंगे, चंदा मामा बस एक टूर के हैं।” प्रधानमंत्री ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका में हैं। देशवासियों को परिवारजन कहकर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भले ही वे वहां हैं लेकिन उनका मन देशवासियों की तरह इस महाअभियान में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि चन्द्रयान को सफलता से उतारने के लिए वे टीम चंद्रयान, इसरो और देश के सभी वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई देते हैं। जिन्होंने इस पल के लिए वर्षों तक इतना परिश्रम किया।
इस सफलता से अगले लक्ष्यों की ओर ध्यान दिलाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की उड़ान को चंद्रमा की कक्षाओं से आगे जाएगी। हम हमारे सौरमंडल की सीमाओं को पार करेंगे और मानव के लिए ब्रह्मांड की अनेक संभावनाओं को साकार करने के लिए भी जरूर काम करेंगे। उन्होंने बताया कि जल्द ही सूर्य के विस्तृत अध्ययन के लिए इसरो आदित्य एल-1 मिशन लॉन्च करने जा रहा है। इसके बाद शुक्र भी इसरो के लक्ष्य में से एक है। गगनयान के जरिए देश अपने पहले ह्यूमंस स्पेस फ्लाइट मिशन के लिए भी पूरी तैयारी के साथ जुड़ा है।
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(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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