देहरादून। राजधानी पुलिस ने एक ऐसे शातिर भू-माफिया गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिनके द्वारा रायपुर (चक) स्थित टी-स्टेट की 12.5 एकड़ जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर करोड़ों रुपये की हेरा-फेरी को अंजाम दिया। पुलिस ने इस फर्जीवाड़े में गिरोह से मिली भगत करने वाले देहरादून रजिस्ट्रार ऑफिस में तैनात हेल्पर डालचंद सहित असम (डिब्रूगढ़) के दो टिंबर मर्चेंट आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हालांकि अभी इस पूरे गोरखधंधे का मास्टरमाइंड एडवोकेट इमरान फरार चल रहा है, जिसकी तलाश में पुलिस की दबिश जारी है। पुलिस के अनुसार अभी इस पूरे गोरखधंधे में रजिस्टार ऑफिस के अन्य लोगों की भी भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। ऐसे में जांच-पड़ताल का दायरा बढ़ते ही आने वाले दिनों में संभवत: कई लोगों की गिरफ्तारी भी इसमें हो सकती है।
रिकॉर्ड रूम से असली दस्तावेजों को हटाकर नकली कागजों जिल्द बही में लगाया गया : पुलिस
पुलिस ख़ुलासे के अनुसार उत्तर प्रदेश बिजनौर निवासी एडवोकेट इमरान ने ही एक संगठित गिरोह बनाकर रायपुर टी-स्टेट जमीन की जाली रजिस्ट्रियां तैयार कर उन्हें रजिस्टर ऑफिस के हेल्पर डालचंद की मदद से पुराने असली रिकॉर्ड को हटवाकर वहां फ़र्जी दस्तावेज लगवा रहा था। यानी देहरादून रजिस्टर कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में कार्यरत पीआरडी जवान डालचंद ने ही लाखों रुपयों के लालच आकर कुछ पुरानी जमीनों के असली कागज को रिकॉर्ड जिल्द बही से निकालकर वहां फर्जी दस्तावेज लगा दिए। पुलिस ख़ुलासे के अनुसार देहरादून रजिस्टार रिकॉर्ड रूम में तैनात पीआरडी जवान डालचंद वर्ष 2011 से वहां ज़िल्द बही बाइंडर के रूप में काम कर रहा था। अधिकारियों का वह विश्वासपात्र था और पुराने कागजों के बारे में उसे अच्छी खासी जानकारी थी। यही कारण रहा कि उसने लाखों रुपये के लालच में आकर फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड एडवोकेट इमरान द्वारा तैयार किए गए। फर्जी रजिस्ट्री दस्तावेजों को रिकॉर्ड रूम के असली दस्तावेजों से बदल दिया।
असम के टिंबर व्यापारियों के नाम पर तैयार की गई थी फर्जी रजिस्ट्री : पुलिस
देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि टी-स्टेट जमीन के इस फर्जीवाड़े में मास्टरमाइंड एडवोकेट इमरान के गिरोह में शामिल असम (डिब्रूगढ़) निवासी जिन 2 टिंबर मर्चेंट संतोष अग्रवाल और उसके भाई दीप अग्रवाल को गिरफ्तार किया है। वह दोनों इस जालसाजी के सूत्रधार है। मास्टरमाइंड वकील इमरान ने ही पहले डिब्रूगढ़ निवासी टिंबर मर्चेंट दोनों भाइयों के नाम टी-स्टेट की 12.5 एकड़ जमीन के फर्जी रजिस्ट्री तैयार की। फिर उन्हीं के नाम से टी-स्टेट की जमीनों को करोडों रुपये में बेचा। इसमें 11 करोड़ रुपये 2 बैंक खातों से वाइट मनी के रूप में दिखाई गई है, जबकि ब्लैक मनी का कोई हिसाब नहीं है। पुलिस के अनुसार मास्टरमाइंड वकील इमरान ने टिंबर मर्चेंट दोंनो भाइयों के नाम एक्सिस बैंक और कोटक बैंक में 2 एकाउंट खुलवाए और फिर दोनों भाइयों से ब्लैंक चेक में साइन कराकर सारी बैंक डिटेल अपने पास रख ली, ताकि जमीन की रकम को खुद अपने पास रख सके। इस जालसाजी में मास्टरमाइंड वकील इमरान में कुछ ही लाख रुपए टिंबर मर्चेंट भाइयों को दिए, जबकि करोड़ों रुपए अपने पास रख लिए।
सहारनपुर और देहरादून के बीच रचा गया जालसाजी का खेल
पुलिस के गिरफ्त में आए असम डिब्रूगढ़ निवासी टिंबर मर्चेंट- संतोष अग्रवाल और उसके भाई दीप अग्रवाल ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उनका असम में लकड़ी और कोयले का काम है। व्यापार सिलसिले में वह अक्सर सहारनपुर आते-जाते रहते थे। इसी के चलते वर्ष 2019 में उनकी मुलाकात सहारनपुर में केपी सिंह नाम के व्यक्ति से हुई, जिसने उन्हें इमरान वकील से मिलाया। इमरान ने दोनों भाइयों को देहरादून आने के लिए कहा। कुछ दिन बाद जब टिंबर मर्चेंट भाई देहरादून पहुंचे तो उन्हें वकील इमरान ने बताया कि रायपुर (चक) इलाके में काफी जमीन टी-स्टेट की लावारिस पड़ी है। जिसमें एक बड़ा खेल कर उन्हें मोटा फायदा हो सकता है। यही वजह रही कि मास्टरमाइंड वकील इमरान में टिंबर मर्चेंट दोनों भाइयों के नाम फर्जी रजिस्ट्री तैयार कर एक बड़ी खरीद-फरोख्त जालसाजी को देहरादून रजिस्टर कार्यालय के हेल्पर डालचंद की मदद से अंजाम दिया।
जांच का दायरा बढ़ते ही कई गिरफ्तारियां हो सकती हैं!
देहरादून एसएसपी के मुताबिक यह काफी बड़ा गोरख धंधा है। इसमें लगभग 50 से अधिक रजिस्ट्रियों को अध्ययन जांच पड़ताल की गई है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इस फर्जीवाड़े में रजिस्ट्रार कार्यालय सहित कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। गहनता से जांच पड़ताल जारी है। ऐसे में उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में और कई गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
पाञ्चजन्य ने किया था खुलासा
उत्तराखंड में सहारनपुर से जमीनों के कब्जे के षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। वहां के मुस्लिम भू-माफिया एक गिरोह बनाकर राजधानी की जमीनों को खुर्द बुर्द करने में लगे हैं। ऐसे खबरें बराबर दी थी, देहरादून पुलिस ने इसी क्रम में आज भू-माफिया इमरान के खेल का खुलासा किया है। यदि पुलिस की जांच सही दिशा में आगे गई तो अभी कई और भू-माफिया सामने आएंगे।
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