विरासत की विशाल झलक
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

विरासत की विशाल झलक

केंद्र सरकार दिल्ली में फ्रांस की मदद से 1.17 लाख वर्गमीटर में दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय बनाएगी, जिसका नाम ‘युगे युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’ होगा। नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक इसका हिस्सा होंगे। मौजूदा राष्ट्रीय संग्रहालय को भी यहीं स्थानांतरित किया जाएगा

by नागार्जुन
Aug 10, 2023, 01:52 pm IST
in भारत, धर्म-संस्कृति
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

 ‘युगे युगीन भारत’ शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है चिरस्थायी भारत, जो राष्ट्र की विरासत के कालातीत सत्व को रेखांकित करता है। नया संग्रहालय 1.17 लाख वर्गमीटर क्षेत्रफल में फैला होगा। 950 कमरों वाले इस तीन मंजिला संग्रहालय में एक बेसमेंट भी होगा।

देश की राजधानी के बीचोंबीच विश्व का सबसे बड़ा संग्रहालय बनेगा। इसका नाम ‘युगे युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’ होगा। ‘युगे युगीन भारत’ शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है चिरस्थायी भारत, जो राष्ट्र की विरासत के कालातीत सत्व को रेखांकित करता है। नया संग्रहालय 1.17 लाख वर्गमीटर क्षेत्रफल में फैला होगा। 950 कमरों वाले इस तीन मंजिला संग्रहालय में एक बेसमेंट भी होगा। इस संग्रहालय में भारत के 5,000 से अधिक वर्षों के इतिहास, इसकी सम्यता-संस्कृति, जीवों, वनस्पतियों और मनीषियों के योगदान को प्रदर्शित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष 18 मई को अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर प्रगति मैदान में लगी तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर नए बनने वाले संग्रहालय की घोषणा की थी। साथ ही, नए संग्रहालय की वर्चुअल झलक जारी किया था। इसमें डिजिटल माध्यम से यह दिखाया गया कि संग्रहालय कैसा दिखेगा। इसके गलियारे और उद्यान कैसे दिखेंगे। भारत की प्राचीन उन्नत नगर व्यवस्था के अलावा, वेदों, उपनिषदों, प्राचीन चिकित्सा ज्ञान तथा मौर्य वंश से लेकर गुप्त वंश के शासनकाल, विजयनगर साम्राज्य से लेकर मुगल साम्राज्य सहित अन्य राजवंशों के शासनकाल की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। इससे पूर्व, प्रधानमंत्री ने लगभग प्रगति मैदान में 2700 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 123 एकड़ में बने अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी सह सम्मेलन केंद्र (आईईसीसी) परिसर का उद्घाटन किया था। इसे ‘भारत मंडपम’ नाम दिया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘भारत मंडपम’ के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘विकसित होने के लिए हमें बड़ा सोचना ही होगा, बड़े लक्ष्य हासिल करने ही होंगे। इसलिए बड़ी सोच, बड़े सपने और बड़े काम के सिद्धांत को अपनाते हुए भारत आज तेजी से आगे बढ़ रहा है। हम पहले से बड़ा निर्माण कर रहे हैं, हम पहले से बेहतर निर्माण कर रहे हैं, हम पहले से तेज गति से निर्माण कर रहे हैं। पूर्व से लेकर पश्चिम तक, उत्तर से लेकर दक्षिण तक, भारत का इन्फ्रास्ट्रक्चर बदल रहा है।’’ ‘भारत मंडपम’ और ‘युगे युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’ उनकी इसी सोच का परिणाम हैं।

संग्रहालय बनेगा नॉर्थ-साउथ ब्लॉक

केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी के अनुसार, वर्तमान राष्ट्रीय संग्रहालय भवन को इसके एनेक्सी के साथ कर्तव्य पथ में एकीकृत किया जाएगा। कर्तव्य पथ इंडिया गेट से रायसीना हिल तक फैला हुआ है, जो पहले राजपथ के नाम से जाना जाता था। नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक को नया संग्रहालय बनाया जाएगा। अभी नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक केंद्रीय सचिवालय का हिस्सा है। साउथ ब्लॉक में विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय है, जबकि नॉर्थ ब्लॉक में वित्त और गृह मंत्रालय है।

केंद्र सरकार ने 2021 में इन दोनों इमारतों को संग्रहालय में बदलने की घोषणा की थी। इसी परियोजना के तहत राष्ट्रीय संग्रहालय और इसमें मौजूद प्राचीन कलाकृतियों व अन्य समृद्ध संग्रह को नॉर्थ और साउथ ब्लॉक की इमारतों में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके बाद राष्ट्रीय संग्रहालय का वर्तमान भवन कर्तव्य पथ और कर्तव्य पथ के एनेक्सी का हिस्सा बन जाएगा। इस नए संग्रहालय परियोजना की समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर संस्कृति एवं विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि सरकार हमेशा समयसीमा में काम करती है। हम समयसीमा से पहले इसे पूरा करने की कोशिश करेंगे।

वर्तमान राष्ट्रीय संग्रहालय और इसमें मौजूद विरासत को नए संग्रहालय में स्थानांतरित किया जाएगा

लोकतंत्र, अर्थव्यवस्था, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति, खेल आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में देश के विकास और प्रगति को प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही, नागरिक अधिकारों, वैज्ञानिक विकास और भारतीय संविधान के पीछे के विचार जैसे अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों के लिए संघर्ष पर जोर देगा। सीवी रमन, होमी जहांगीर भाभा और जगदीशचंद्र बोस जैसे वैज्ञानिकों को रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।

हट रहे औपनिवेशिक प्रतीक

सरकार एक-एक कर गुलामी के प्रतीकों को हटा रही है। बीते वर्ष 15 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने ‘पंच प्रण’ लिया था। इसमें दूसरा प्रण था- देश को गुलामी की हर सोच से मुक्त कराना। इसी क्रम में सितंबर 2022 में सेंट्रल विस्टा एवेन्यू क्षेत्र में आने वाले राजपथ का नाम बदल कर कर्तव्यपथ किया गया। साथ ही, इंडिया गेट पर राजा जॉर्ज पंचम की जगह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाई गई। इसके अलावा, सितंबर 2022 में ही भारतीय नौसेना का झंडा बदला गया। पहले नौसेना के झंडे में राजा जॉर्ज का क्रॉस होता था, लेकिन नए झंडे में छत्रपति शिवाजी महाराज की छवि अंकित है।

प्रधानमंत्री आवास वाले रेस कोर्स रोड का नाम भी बदलकर लोक कल्याण मार्ग किया जा चुका है। इससे पूर्व 2015 में औरंगजेब रोड का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम रोड, 2017 में डलहौजी रोड का नाम बदलकर दारा शिकोह रोड तथा 2018 में तीन मूर्ति चौक का नाम बदल कर तीन मूर्ति हाईफा चौक किया गया था।

अब दिल्ली के केंद्र में स्थित औपनिवेशिक युग की याद दिलाने वाली इमारतों को नवनिर्मित संरचनाओं से बदला जा रहा है। नए संग्रहालय में वास्तविक भारत की झलक दिखाई देगी। ब्रिटिश सरकार ने 1911 में दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया और राष्ट्रपति भवन (उस समय वायसराय हाउस) के साथ रायसीना हिल पर स्थित नॉर्थ और साउथ ब्लॉक का निर्माण शुरू हुआ। 1931 में तत्कालीन वायसराय इरविन ने औपचारिक तौर पर इन भवनों का उद्घाटन किया और इनमें प्रशासनिक कामकाज शुरू हुआ। आज तक यही व्यवस्था चली आ रही है।

आठ खंडों में भारत का इतिहास

फ्रांस के सहयोग से बनने वाले नए संग्रहालय में भारतीय सभ्यता की यात्रा को विषयवार आठ खंडों में दर्शाया जाएगा। ये आठ खंड होंगे- भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा, प्राचीन और मध्यकालीन भारत, मध्यकाल, मध्यकाल से संक्रमण के चरण, आधुनिक भारत, औपनिवेशिक शासन, स्वतंत्रता संग्राम और 1947 के बाद के सौ वर्ष। एक खंड देश के विभिन्न जीवों और पौधों को भी समर्पित होगा, जिन्होंने इस क्षेत्र की संस्कृति बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके अलावा, पवित्र विरासत को संरक्षित करने वाले पीठ और मंदिर भी शामिल होंगे।

नए संग्रहालय में भारत के 5,000 वर्षों के समृद्ध इतिहास और ज्ञान परंपरा को दर्शाया जाएगा। नए संग्रहालय की दो आभासी झलकें

सिंघु-सरस्वती सभ्यता, वैदिक काल, तक्षशिला और नालंदा जैसे शीर्ष विश्वविद्यालयों की बौद्धिक और कलात्मक उपलब्ध्यिों का दस्तावेजीकरण किया जाएगा। खासतौर से प्राचीनकाल में भारत की उन्नत नगर व्यवस्था, गणित, विज्ञान, खगोल विज्ञान, स्वदेशी चिकित्सा ज्ञान, तकनीक दर्शन आदि के क्षेत्र में भारत के योगदान, विशिष्ट धातुकर्म परंपरा जैसे- राजस्थान में जस्ता निष्कर्षण के अलावा, वेदों, उपनिषदों की शिक्षाओं सहित कुछ प्राचीन कलाकृतियों और पाण्डुलिपियों को भी प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें भारतीय कला, वास्तुकला, संगीत, नृत्य, साहित्य और दर्शन भी शामिल होंगे। प्रदर्शनी में शल्य चिकित्सा के जनक सुश्रुत के योगदान को भी रेखांकित किया जाएगा।

प्राचीन ज्ञान परंपरा- इस खंड में भारत की समृद्ध और प्राचीन ज्ञान परंपरा को प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें सिंघु-सरस्वती सभ्यता, वैदिक काल, तक्षशिला और नालंदा जैसे शीर्ष विश्वविद्यालयों की बौद्धिक और कलात्मक उपलब्ध्यिों का दस्तावेजीकरण किया जाएगा। खासतौर से प्राचीनकाल में भारत की उन्नत नगर व्यवस्था, गणित, विज्ञान, खगोल विज्ञान, स्वदेशी चिकित्सा ज्ञान, तकनीक दर्शन आदि के क्षेत्र में भारत के योगदान, विशिष्ट धातुकर्म परंपरा जैसे- राजस्थान में जस्ता निष्कर्षण के अलावा, वेदों, उपनिषदों की शिक्षाओं सहित कुछ प्राचीन कलाकृतियों और पाण्डुलिपियों को भी प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें भारतीय कला, वास्तुकला, संगीत, नृत्य, साहित्य और दर्शन भी शामिल होंगे। प्रदर्शनी में शल्य चिकित्सा के जनक सुश्रुत के योगदान को भी रेखांकित किया जाएगा।

प्राचीन और मध्यकालीन भारत- इसमें विभिन्न साम्राज्यों जैसे विजयनगर साम्राज्य और राजवंशों जैसे- मौर्य, गुप्त, पांड्य, पल्लव, चोल, कुषाण कश्मीर और राष्ट्रकूट राजवंशों के कालखंड के बारे में बताया जाएगा। इन साम्राज्यों की कला, वास्तुकला, साहित्य, धर्म और संस्कृति को भी दर्शाया जाएगा। इन साम्राज्यों और राजवंशों ने जहां रोम और ग्रीक जेसे देशों के साथ व्यापारिक संबंध बनाए थे, वहीं राष्ट्र निर्माण में राष्ट्रकूट, गुर्जर, प्रतिहार और पाल जैसे विशाल साम्राज्यों के योगदान को भी दर्शाया जाएगा।

मध्यकाल- इसमें यह दिखाया जाएगा कि किस प्रकार बहमनी सल्तनत, दिल्ली सल्तनत, मराठा साम्राज्य जैसे नए राज्यों का उदय हुआ। राजपूतों की वीरता के अलावा इस काल की विभिन्न संस्कृतियों, मजहब, पंथ और मत आदि के प्रभाव को भी प्रदर्शित किया जाएगा।
मध्यकाल से संक्रमण के चरण- इस खंड में मध्यकाल से आधुनिक युग तक के भारत के संक्रमण चरण को शामिल किया जाएगा। इसमें यह दिखाया जाएगा कि किस प्रकार मैसूर साम्राज्य, बंगाल सूबा, सिख जैसी शक्तियों का उदय और पतन हुआ। इस कालखंड के दौरान जो सामाजिक और आर्थिक बदलाव हुए, उन्हें भी दर्शाया जाएगा।

आधुनिक भारत- इसमें 18वीं शताब्दी के बाद के भारत के आधुनिक इतिहास को शामिल किया जाएगा। इसी कालखंड में भारत में अंग्रेजों के आगमन हुआ था। भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं पर ईस्ट इंडिया कंपनी का क्या प्रभाव पड़ा, विभिन्न क्षेत्रों में स्वतंत्र भारत की उपलब्धियां और चुनौतियां क्या थीं, इन सब को दर्शाया जाएगा।

औपनिवेशिक शासन- इस खंड में भारतीय भू-भाग पर विभिन्न औपनिवेशिक शक्तियों के आगमन और उनके शासनकाल के बारे में बताया जाएगा। इसमें डच, पुर्तगाली, फ्रांसीसी और ब्रिटिश जैसी विभिन्न यूरोपीय शक्तियों का उल्लेख होगा और औपनिवेशिक उत्पीड़न और इसके विरुद्ध जनमानस में उभरे प्रतिरोध, विद्रोह और आंदालनों के बारे में भी बताया जाएगा। इस खंड में क्रांतिकारियों द्वारा देश को विदेशी उत्पीड़न से मुक्त करने के लिए लड़ी जाने वाली लंबी लड़ाइयां, जिसमें संन्यासी विद्रोह, 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम आदि शामिल होंगी।

नए संग्रहालय में भारत की प्राचीन उन्नत नगर व्यवस्था, वेदों, उपनिषदों, चिकित्सा ज्ञान तथा मौर्य, गुप्त जैसे राजवंशों और साम्राज्यों के अलावा औपनिवेशिक शासन व उनसे संघर्ष तथा आजादी के बाद के 100 वर्षों की झलक दिखेगी।

स्वतंत्रता संग्राम– इस खंड में एक सदी से अधिक समय तक चले औपनिवेशिक शासन से लेकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम, इसमें योगदान देने वाले नेताओं, सेनानियों, क्रांतिकारियों और आंदोलनों दिखाया जाएगा, जिसके कारण ब्रिटिश शासन से मुक्ति मिली। इसमें आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को भी रेखांकित किया जाएगा।

1947 के बाद के 100 वर्ष- इस खंड में स्वतंत्रता के बाद के 100 वर्षों की उपलब्धियां, भारत की दृष्टि को प्रस्तुत किया जाएगा। लोकतंत्र, अर्थव्यवस्था, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति, खेल आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में देश के विकास और प्रगति को प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही, नागरिक अधिकारों, वैज्ञानिक विकास और भारतीय संविधान के पीछे के विचार जैसे अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों के लिए संघर्ष पर जोर देगा। सीवी रमन, होमी जहांगीर भाभा और जगदीशचंद्र बोस जैसे वैज्ञानिकों को रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।

कुल मिलाकर यह एक ‘अग्रगामी संग्रहालय’ होगा, जिसका उद्देश्य एक दूरदर्शी परिप्रेक्ष्य प्रदान करना है। वर्चुअल झलक में संग्रहालय की दीर्घाओं और उद्यानों के डिजिटल पूर्वावलोकन से अनुमान लगाया जा सकता है कि तैयार होने पर संग्रहालय कैसा दिखेगा।

Topics: Yuge Yugin IndiaHistory of IndiaSamyata-Cultureभारत का इतिहासFaunaIndian civilizationFloraभारत मंडपमBharat Mandapamनालंदायुगे युगीन भारतSinghu-Saraswati Civilizationअंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवससम्यता-संस्कृतिVedic PeriodInternational Museum DayजीवोंTakshashilaवैदिक कालवनस्पतिNalandaपंच प्रणसिंघु-सरस्वती सभ्यताGrand Glimpse of HeritagePanch Pranaतक्षशिलाभारतीय सभ्यता
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनेगा भारत !

राष्ट्र के निर्माता हम

डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार: हिंदू एकता और राष्ट्र निर्माण के दूरदर्शी

भारत की मत पंथ परंपरा का मूल सनातन संस्कृति : निम्बाराम

प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं को प्रेरित किया, कहा- राजनीति विकसित भारत का माध्यम बन सकती है

Jalaluddin Khilji

बलबन के बाद जलालुद्दीन खिलजी: हिंदुओं के प्रति नफरत का दूसरा नाम

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies