राज्यसभा में आज यानी सोमवार को दिल्ली सेवा बिल पर चर्चा हुई। जहां सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने इस बिल का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मेरे लिए दिल्ली सेवा बिल सही है। किसी के लिए गलत हो सकता है। सदस्य पार्टी के हिसाब से अपना मत रखते हैं।
पूर्व सीजेआई गोगोई ने यह भी कहा कि यह कहना गलत है कि यह मामला कोर्ट में लंबित है और इस पर सदन में बिल नहीं आ सकता। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जो लंबित है वह अध्यादेश की वैधता है, और दो प्रश्न संविधान पीठ को भेजे गए हैं। इसका सदन में बहस से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि विधेयक पूरी तरह से वैध है।
इसके साथ ही रंजन गोगोई ने कहा कि केंद्र का अध्यादेश आज जिस स्थिति में है, उसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अतिक्रमण नहीं कहा जा सकता है। संसद के पास दिल्ली जैसे केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कानून बनाने का अधिकार है।
दरअसल, मई में केंद्र ने यह अध्यादेश जारी किया था, जिससे सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का कोई प्रभाव नहीं रहेगा, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्रशासन में सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को दिया गया था। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 गुरुवार को लोकसभा से पारित हो गया था। यह बिल दिल्ली में अधिकारियों के तबादलों और तैनाती के संबंध में जारी अध्यादेश का स्थान लेगा। दिल्ली सरकार समेत गठबंधन इंडिया और अन्य दल इसका विरोध कर रहे हैं।
टिप्पणियाँ