‘एक राष्ट्र-एक सभ्यता’ के दृष्टिकोण से समझने की आवश्यकता है। भारत को समझने के लिए पहले यहां की संस्कृति को समझना होगा।
गत दिनों जुलाई माह में नई दिल्ली में ‘नैरेटिव का मायाजाल’ पुस्तक का विमोचन हुआ। विमोचनकर्ता थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले। इस अवसर पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, प्रसिद्ध कानूनी सलाहकार जे. साई दीपक और पुस्तक के लेखक बलबीर पुंज भी मंच पर उपस्थित थे।
समारोह को संबोधित करते हुए श्री दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि सत्य की खोज करना भारत की परंपरा रही है। हम कौन हैं, इसे ‘एक राष्ट्र-एक सभ्यता’ के दृष्टिकोण से समझने की आवश्यकता है। भारत को समझने के लिए पहले यहां की संस्कृति को समझना होगा।
इस पुस्तक में मैंने कथाओं के जटिल जाल को सुलझाने का प्रयास किया है, जो हमारी व्यक्तिगत और सामूहिक पहचान को आकार देते हैं। ये कथाएं हमारे विचारों और विश्वासों को प्रभावित करने की शक्ति रखती हैं। इस अवसर पर अनेक संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी उपस्थित थे। पुस्तक का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन ने किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत में एक सबल और प्रबल अभियान चलाने की जरूरत है, ताकि मनुष्य संबंधी विषयों के बारे में युगानुकूल ढंग से अलग सोच और अध्ययन हो। आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भारत में धर्म के संबंध में अनेक पुस्तकें हैं। इस कारण धर्म को लेकर अनेक बार असमंजस की स्थिति बन जाती है, लेकिन सनातन परंपरा में असत्य कुछ भी नहीं है।
बलबीर पुंज ने कहा कि इस पुस्तक में मैंने कथाओं के जटिल जाल को सुलझाने का प्रयास किया है, जो हमारी व्यक्तिगत और सामूहिक पहचान को आकार देते हैं। ये कथाएं हमारे विचारों और विश्वासों को प्रभावित करने की शक्ति रखती हैं। इस अवसर पर अनेक संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी उपस्थित थे। पुस्तक का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन ने किया है।
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