भारतीय सेना के रणबांकुरों ने दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब देकर भारत की एक-एक इंच भूमि को दुश्मन से कैसे वापस लिया गया, पुस्तक में इसका विस्तृत उल्लेख है।
गत दिनों जुलाई को नई दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में कारगिल युद्ध से संबंधित पुस्तक ‘कारगिल : एक यात्री की जुबानी’ के अंग्रेजी और हिंदी संस्करण का विमोचन हुआ।
विमोचनकर्ता थे रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट। इसके साथ ही कारगिल युद्ध में बलिदान देने वाले वीरों पर प्रकाशित चित्रावलियों का भी विमोचन हुआ। कैप्टन विक्रम बत्रा की चित्रावली का विमोचन उनकी बड़ी बहन सुश्री नूतन बत्रा, कैप्टन विजयंत थापर की चित्रावली का विमोचन उनकी माता श्रीमती तृप्ता थापर और पिता कर्नल (सेनि) वी.एन. थापर के हाथों हुआ।
कार्यक्रम में कारगिल युद्ध में बलिदान हुए स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा की पत्नी अलका आहूजा और मेजर सी. बी. द्विवेदी की पत्नी भावना द्विवेदी को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर कारगिल युद्ध में परमवीर चक्र से सम्मानित सूबेदार मेजर संजय कुमार, मेजर जनरल (सेनि) इयान कारडोज और कारगिल युद्ध के अमर बलिदानी शूरवीरों के परिवार के सदस्य भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में कारगिल युद्ध में बलिदान हुए स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा की पत्नी अलका आहूजा और मेजर सी. बी. द्विवेदी की पत्नी भावना द्विवेदी को भी सम्मानित किया गया।
पुस्तक के रचनाकार हैं जाने-माने लेखक ऋषि राज। इसका प्रकाशन हिंदी जगत के प्रमुख प्रकाशक ‘प्रभात प्रकाशन’ द्वारा किया गया है। भारतीय सेना के रणबांकुरों ने दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब देकर भारत की एक-एक इंच भूमि को दुश्मन से कैसे वापस लिया गया, पुस्तक में इसका विस्तृत उल्लेख है।
लेखक ने यह पुस्तक उन सभी 527 अमर बलिदानियों को समर्पित की है, जिन्होंने कारगिल युद्ध में देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
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