देहरादून : पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने नशीले पदार्थों की तस्करी की रोकथाम के लिए सभी राज्यों के साथ समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक से पूर्व ड्रग्स तस्करों से जुड़ा मुद्दा उत्तराखंड पुलिस के द्वारा सीएम पुष्कर सिंह धामी के सम्मुख रखा गया था। उत्तराखंड एसटीएफ ने पिछले दिनों टॉप टेन ड्रग्स माफिया की सूची जारी की है, जानकारी के मुताबिक इन सभी के तार बरेली जिले के स्मैक तस्करों से जुड़े हुए हैं।
एसटीएफ की सूची में देहरादून शहरी क्षेत्र के अकीम और यूसुफ के नाम हैं, जोकि एक बड़ा नेटवर्क देहरादून के पछुवा इलाके के कॉलेज यूनिवर्सिटी क्षेत्र और मसूरी के आसपास चला रहे हैं। इस सूची में अगले नाम डोईवाला क्षेत्र के जाकिर, वासिम, इल्ताफ अहमद और इश्तियाक के हैं, जोकि देहरादून हरिद्वार ऋषिकेश, मुनि की रेती, नरेंद्र नगर तक अपने इस काम के जरिए नेटवर्क को फैलाए हुए हैं।
नैनीताल शहर से एक नाम मेहबूब का टॉप टेन सूची में है, बताया जाता है कि इसका नेटवर्क कालाढूंगी और भवाली तक फैला हुआ है। कॉर्बेट सिटी रामनगर का शाहू खान का नाम भी सूची में शामिल है, जोकि एक बड़ा ड्रग माफिया बन चुका है और बाजपुर काशीपुर जसपुर तक सक्रिय है। उधम सिंह नगर जिले में सलीम नाम का ड्रग माफिया टॉप सूची में शुमार किया गया है। टॉप टेन में एक मात्र गैर मुस्लिम तस्कर राजेश साहू है जोकि हल्द्वानी का रहने वाला है इसके बारे में बताया गया है कि इसकी अलग ही टीम है, जोकि कुमाऊं के पहाड़ी नगरों तक ड्रग्स की सप्लाई करती है।
जानकारी के अनुसार जनवरी 2020 से मई 2023 तक उतराखंड पुलिस ने 5079 मामले ड्रग्स तस्करी के दर्ज किए हैं, इनमें से 33 मामलों में गैंगस्टर लगाते हुए 89 लोगों को निरुद्ध किया गया है। जिन लोगों पर गैंगस्टर लगाई गई। उनकी 2.68 करोड़ की संपत्ति को कुर्क किया गया है।
पुलिस ने 255 युवकों को भी चिन्हित किया है, जो कि नशीले पदार्थ बेचने में बार-बार जेल जा रहे हैं। इनमें से 22 ऐसे हैं, जोकि पांच-पांच बार जेल गए और जमानत पर बाहर आकर फिर से ड्रग्स के धंधे में लिप्त हो गए। ऐसे ही चार बार जेल जाने वाले 28, तीन बार जेल जाने वाले 71 और दो बार जेल जाने वाले 131 युवक हैं। इनमें ज्यादातर मुस्लिम ही हैं और वो टॉप टेन माफिया के काम में है।
डिलीवरी ब्वॉय की पहचान, सत्यापन शुरू
उत्तराखंड पुलिस ने हाल ही में फूड सप्लाई चेन के धंधे में लगे ‘डिलीवरी ब्वॉय’ के सत्यापन का अभियान शुरू किया है। पुलिस को ऐसी सूचना मिली है कि जमेटो, स्वीगी और अन्य फूड चेन में लगे डिलीवरी ब्वॉय ड्रग्स का काम कर रहे है। जो युवाओं को घर-घर तक ड्रग्स पहुंचा रहे हैं।
पीआईआईएनडीपीएस को प्रभावी बनाने की जरूरत
केंद्र में गृह मंत्री अमित शाह का स्पष्ट निर्देश है कि 2025 तक देश को ड्रग्स मुक्त किया जाए। इसके लिए केंद्र ने प्रिवेशन ऑफ इलीसिट इन नार्कोटिकस ड्रग्स एंड सायकोट्रोपिक सैब्सटेंस अधिनियम को प्रभावी किया है। जिसके तहत ड्रग्स का धंधा करने वालों को बिना मुकदमें के सुनवाई के एक साल तक जेल में रखे जाने का प्रावधान किया गया है।
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को ड्रग्स को लेकर सख्ती बरतने को कहा है। गृह मंत्रालय सभी को ड्रग्स संबंधी रिपोर्ट्स को साझा कर रहा है। जानकारी के मुताबिक, देश में फैले ड्रग्स के काले कारोबार के पीछे आईएसआई, तालिबान, मुजाहिदीन संगठन काम कर रहे हैं। पंजाब राजस्थान और केरल के रास्ते ड्रग्स भारत में भेजी जा रही है। गुजरात पोर्ट में भी हेरोइन की बड़ी खेप पकड़ी गई थी, जोकि उत्तराखंड यूपी बॉर्डर में मुजफ्फरनगर तक भी आई थी। इस नशे के कारोबार में एक बड़ा मुस्लिम सिंडिकेट काम कर रहा है। ऐसी भी सूचनाएं हैं कि इस सिंडिकेट के जरिए टेरर फंडिंग भी की जा रही है।
क्या कहते हैं सीएम धामी ?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कहते हैं कि हम 2025 तक उत्तराखंड को नशे से मुक्त करने के लिए संकल्प ले चुके हैं, हमने पुलिस को, नार्कोटिकस विभाग को सख्त कानून में काम करने को कहा है ये एक साजिश है, जोकि उत्तराखंड के युवाओं को बर्बाद कर रही है, जिसे हर हाल में रोकना होगा, मैंने पुलिस प्रशासन से स्पष्ट कहा है कि हम इन आंकड़ों से संतुष्ट नहीं है।
मुख्य मंत्री धामी ने ये भी कहा कि जो युवा नशे की गिरफ्त में हैं उनके लिए हर जिले में सुधार गृह खोले जाने के लिए सरकार ने आदेश जारी किए हैं, हमने अभिभावकों से भी अनुरोध किया है कि वो अपने बच्चों के व्यवहार का अवलोकन करते रहे और उनसे संवाद बनाए रखें।
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