टोरंटो। कनाडा के टोरंटो में भारतीय समुदाय ने शनिवार (स्थानीय समय) को खालिस्तानियों का एकजुट होकर मुकाबला किया। वे राजनयिकों और वाणिज्य दूतावास कार्यालय की रक्षा के लिए वाणिज्य दूतावास के बाहर एकत्र हुए। उन्होंने कनाडा में खालिस्तान समर्थक विरोध प्रदर्शन का एकजुट होकर जवाब दिया। प्रवासी भारतीयों ने “भारत माता की जय”, “वंदे मातरम”, “भारत जिंदाबाद” और “खालिस्तान मुर्दाबाद” जैसे नारे लगाए। उन्होंने तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर लिखा था, “खालिस्तानी सिख नहीं हैं”, और “कनाडा खालिस्तानियों का समर्थन करना बंद करें”।
कनाडा के प्रांत ओंटारियो की राजधानी टोरंटो में खालिस्तान समर्थकों ने आठ जुलाई को भारत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। खालिस्तान समर्थकों ने भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को चप्पलों से रौंदा। इन लोगों का भारतीय समुदाय ने कड़ा मुकाबला किया। वे राष्ट्रीय ध्वज को लहराते हुए वहां पहुंचे।
वहीं खालिस्तान समर्थकों के विरोध प्रदर्शन पर कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा था कि यह अस्वीकार्य है। हम भारतीय अधिकारियों के साथ निकट संपर्क में हैं। हम वियना कन्वेंशन से बंधे हुए हैं। हम अपने इस दायित्व को लेकर गंभीर हैं।
कनाडा में भारतीय प्रवासियों में से एक सुनील अरोड़ा ने कहा, “हम यहां खालिस्तानियों का सामना करने के लिए वाणिज्य दूतावास के सामने खड़े हैं। हम खालिस्तानियों की बकवास को रोकने की कोशिश कर रहे हैं और हम यहां भारत और कनाडा की एकजुटता के लिए हैं। वे गलत जानकारी दे रहे हैं और कह रहे हैं कि वे हमारे राजनयिकों को मार डालेंगे जो कि… और हम इसके पूरी तरह से खिलाफ हैं।”
भारतीय प्रवासियों के एक अन्य सदस्य, अनिल शिरिंगी ने कहा कि वे भारतीय वाणिज्य दूतावास का समर्थन करने के लिए वहां हैं और खालिस्तानियों की धमकी के खिलाफ खड़े हुए हैं, जो भारतीय राजनयिकों को दी गई थी।
विद्या भूषण धर ने कहा कि कनाडा एक शांतिपूर्ण देश है और हम शांतिपूर्ण रहना चाहते थे और हमें रहना चाहिए। मूल रूप से, हम सरकार को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि कनाडा को इसका संज्ञान लेना चाहिए कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है। यह निश्चित रूप से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है। जब आप किसी को बताते हैं कि आप किसी की हत्या कर रहे हैं या आप हत्या का कृत्य प्रदर्शित कर रहे हैं जैसा कि पिछले सप्ताह ब्रैंटन में हुआ था तो आप मूल रूप से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं दिखा रहे हैं बल्कि आप तर्क और अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं।
पिछले महीने कनाडा में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद खालिस्तान समर्थक तत्वों ने शनिवार को ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भारतीय दूतावासों के बाहर रैलियां आयोजित करने की घोषणा की थी। इसके बाद कनाडा और अमेरिका में भारतीय राजदूतों के साथ-साथ टोरंटो में महावाणिज्य दूतावास को धमकी भरे पोस्टर लगाए गए। पिछले कुछ महीनों में कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादियों से जुड़ी तीन बड़ी भारत विरोधी घटनाएं सामने आई हैं।
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